कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली थी. अब नई सरकार के मुखिया और शपथ ग्रहण की तिथि को लेकर अनिश्चितता भी दूर हो गई है. बेंगलुरु से दिल्ली तक मैराथन बैठकों का दौर चला और इसके बाद कांग्रेस की ओर से ये ऐलान किया गया कि सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे. सिद्धारमैया 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ नहीं कि फ्री बिजली को लेकर हंगामा शुरू हो गया है. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सत्ता में आने पर दो सौ यूनिट तक बिजली फ्री देने का वादा किया था. कांग्रेस सरकार का रास्ता साफ हो चुका है लेकिन अभी नई सरकार का गठन भी नहीं हुआ है कि बिजली बिल भुगतान को लेकर अधिकारियों और लोगों के बीच नोकझोंक होने लगी है.
बताया जाता है कि कर्नाटक के कोप्पल, कलबुर्गी और चित्रदुर्ग जिलों में लोगों ने अब कथित रूप से बिजली बिल का भुगतान करने से मना कर दिया है. लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस ने सत्ता में आने पर मुफ्त बिजली का वादा किया था. अब जबकि कांग्रेस की सरकार आ गई है, बिजली बिल का भुगतान करने की जरूरत नहीं है.
जब से दिया वोट, तभी से फ्री बिजली के हकदार
जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग के अधिकारी मीटर रीडिंग के लिए गांवों में निकले थे. बताया जाता है कि कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में गए बिजली अधिकारी ने जब मीटर रीडिंग के बाद घर पर मौजूद एक महिला को बिजली बिल दिया, महिला ने बिल का भुगतान करने से साफ इनकार कर दिया. महिला साफ कहना था कि हमने जब कांग्रेस को वोट दिया, तब से ही मुफ्त बिजली पाने के हकदार हैं.
सिद्धारमैया-शिवकुमार को करने दें बिल का भुगतान
महिला ने कहा कि हमारे बिजली बिल का भुगतान सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को करने दें. उन्होंने (सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने) कहा है कि 200 यूनिट फ्री बिजली चुनाव के तुरंत बाद लागू करेंगे. महिला ने बिजली विभाग के अधिकारी से दो टूक कहा कि यहां मत आओ, हम बिजली बिल नहीं भरेंगे. हम मतदान के समय ईवीएम का बटन दबाने के साथ ही इस गारंटी के हकदार हैं.
चाहे कुछ भी हो, नहीं करेंगे बिजली बिल का भुगतान
कुछ ऐसा ही हुआ कर्नाटक के कोप्पल में भी. कोप्पल में भी लोगों ने साफ कह दिया कि चाहे कुछ भी हो, हम अभी के बिजली बिल का भुगतान नहीं करेंगे. लोगों का कहना है कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया गया है. भले ही अभी तक मुख्यमंत्री न हों, हम इसे लेकर रहेंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनावी वादों को लेकर ये कह चुके हैं कि सरकार गठन के बाद पहले दिन पहली कैबिनेट में पांच वादे पूरे करेंगे.