अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनके परिवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत दी है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अमिताभ बच्चन को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के सामने अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया है. इसके साथ हाईकोर्ट ने बीएमसी को अमिताभ बच्चन के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने से फिलहाल रोक दिया है.
अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया बच्चन ने बीएमसी के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था. अमिताभ बच्चन को 20 अप्रैल 2017 को बीएमसी ने नोटिस जारी किया था कि बंगले का कुछ हिस्सा सड़क की लाइन में आता है और बीएमसी उस हिस्से का अधिग्रहण करना चाहता है. इस नोटिस के जवाब में अमिताभ बच्चन ने कहा था कि बीएमसी सड़क की दूसरी ओर से इसे आसानी से चौड़ा कर सकती है.
हाईकोर्ट में दायर याचिका में बच्चन परिवार की ओर से कहा गया कि 28 जनवरी, 2022 तक 4 साल 9 महीने में बीएमसी द्वारा नोटिस देने के बाद आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में बच्चन परिवार ने सोचा कि नोटिस को रद्द कर दिया गया है. लेकिन 28 जनवरी 2022 को बीएमसी के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि नोटिस में रखे गए प्रस्तावों को लागू किया जाएगा और जल्द ही निर्धारित जमीन पर अधिग्रहण किया जाएगा.
याचिका में ये भी कहा गया है कि बीएमसी ने अमिताभ बच्चन के आसपास की प्रॉपर्टियों के मालिकों को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया. यह बीएमसी की कार्रवाई में असमानता दिखाते हुए सड़क के विस्तार को चौड़ा करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
सभी की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस आरडी धानुका और एसएम मोदक की बेंच ने अमिताभ बच्चन को बीएमसी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया है. वहीं, बीएमसी 6 हफ्ते के भीतर जवाब पर विचार करेगा और तीन हफ्तों तक कोई कार्रवाई नहीं करेगा.