महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच बने गठबंधन सरकार (महाविकास अघाड़ी) को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन फिर भी राजनीतिक गलियारों में अक्सर चर्चा देखी जाती है कि शिवसेना और बीजेपी फिर से एक हो जाएगी. शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को साफ कर दिया किया कि अब शिवसेना और भाजपा का एक साथ आना संभव नहीं है.
हाल ही में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन करके अपने 25 साल बर्बाद किए जिस पर नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने कड़ा जवाब दिया था. इस गरमागरम बहस का असर अभी भी महाराष्ट्र की राजनीति में महसूस किया जा रहा है.
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में संकेत दिया था कि कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की महाविकास अघाड़ी अब महाराष्ट्र का राजनीतिक भविष्य है. महाराष्ट्र सीएम के इस बयान से उन अफवाहों पर विराम लग गया है कि शिवसेना का 'अंडर द टेबल' बीजेपी से सांठगांठ है.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बीमारी पर निशाना साधने के लिए बीजेपी की आलोचना की. बीमारी के कारण ठाकरे के विधानसभा सत्र से अनुपस्थित रहने पर भाजपा आक्रामक थी. चंद्रकांत पाटिल और अन्य नेताओं ने इस पर सवाल उठाए थे.
23 जनवरी को बालासाहब ठाकरे की जयंती पर एक कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे ने आगे आकर बीजेपी पर निशाना साधा था. उद्धव ठाकरे के भाषण और फिर फडणवीस के जवाब ने महाराष्ट्र की राजनीति में भ्रम को पूरी तरह से दूर कर दिया.
फडणवीस के कड़े जवाब के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अब दोनों पार्टियों के बीच सुलह की कोई खिड़की भी खुली नहीं रह गई है. राउत ने रविवार को यूपी में शिवसेना उम्मीदवारों को खारिज करने को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा.
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