महाराष्ट्र के अकोला जिले से 11 नवंबर की शाम घर से लापता हुए 14 वर्षीय किशोर को पुलिस ने 21 दिन की अथक खोजबीन के बाद आखिरकार पंढरपुर से सुरक्षित बरामद कर लिया. यह मामला न सिर्फ पुलिस की मेहनत का उदाहरण है बल्कि इस बात का भी संकेत है कि समय रहते सही दिशा में की गई जांच किस तरह नतीजे दे सकती है.
अकोला के खादान थाना क्षेत्र में रहने वाला यह बच्चा माता-पिता की डांट से नाराज होकर बिना किसी को बताए घर से निकल गया था. अगले दिन जब परिजनों को मालूम हुआ कि वह गायब है तो तुरंत पुलिस से संपर्क किया गया. लेकिन परिजन बच्चे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पाए, जिससे शुरुआत में खोजबीन मुश्किल हो गई. जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) अर्चित चंदक के निर्देश पर स्थानीय क्राइम ब्रांच टीम ने बच्चे के स्कूल, ट्यूशन और पड़ोसियों से जानकारी इकट्ठी की. पूछताछ में माता-पिता ने बताया कि बच्चे को डांटा गया था, जिसके बाद वह घर से चला गया.
पुलिस ने फिर अकोला रेलवे स्टेशन के CCTV फुटेज की जांच की, जिसमें 11 नवंबर की रात 8 बजे किशोर को नागपुर-कोल्हापुर एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ते देखा गया. इसके बाद पुलिस टीम ने सात शहरों का दौरा किया और 1,500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए विभिन्न रेलवे स्टेशनों के 200 से अधिक CCTV फुटेज की जांच की.
तफ्तीश आगे बढ़ी तो पता चला कि बच्चा सोलापुर जिले के पंढरपुर रेलवे स्टेशन पर उतरा था, जो अकोला से करीब 500 किलोमीटर दूर है. इसके बाद पुलिस टीम ने पंढरपुर रेलवे स्टेशन, मंदिर क्षेत्र और आसपास के इलाकों में व्यापक खोज अभियान चलाया. दो दिसंबर को आखिरकार किशोर पंढरपुर के सरगम चौक में मिला.
पुलिस ने उसे सुरक्षित अपने साथ लिया और बाद में परिजनों को सौंप दिया. बच्चा सकुशल पाया गया, जिससे परिवार में राहत की लहर दौड़ गई. अकोला SP अर्चित चंदक ने इस सफल तलाश अभियान में शामिल पुलिस टीम को 10,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि यह पुलिस की टीमवर्क और तकनीक के प्रभावी उपयोग का नतीजा है.