महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है. नासिक डिस्ट्रिक्ट और सेशंस कोर्ट ने राज्य के खेल मंत्री और अजित पवार गुट की एनसीपी के वरिष्ठ नेता माणिकराव कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. यह कार्रवाई उस फैसले के एक दिन बाद हुई है, जिसमें कोर्ट ने कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट घोटाले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.
डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज पी.एम. बदर ने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रूपाली नरवाडिया को आदेश दिया था कि सजा पर तुरंत अमल किया जाए. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि अगर जुर्माना अदा नहीं किया गया तो दोषियों को एक महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी. इसी आदेश के आधार पर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की गई है.
हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद से ही माणिकराव कोकाटे और उनके भाई पहले नॉट रिचेबल बताए जा रहे थे. अब यह जानकारी सामने आई है कि दोनों किसी निजी अस्पताल में भर्ती हैं.
कोकाटे भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने नासिक शहर के कनाडा कॉर्नर जैसे प्रमुख इलाके में मुख्यमंत्री आवास स्कीम के 10 प्रतिशत रिजर्व कोटे का दुरुपयोग करते हुए धोखाधड़ी से चार फ्लैट अपने नाम कराए.
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यह मामला 1997 से अदालत में चल रहा था और इसमें कुल चार आरोपी बनाए गए थे. इस केस की शुरुआत 1995 के दस्तावेजों में कथित जालसाजी और धोखाधड़ी से जुड़ी बताई गई है.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है. जानकारी के अनुसार, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस मुद्दे पर मुलाकात कर चर्चा की है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर सीधा हमला बोला है. एनसीपी शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से सवाल किया है कि जब कानून के तहत अन्य जनप्रतिनिधियों की सदस्यता रद्द हो सकती है, तो माणिकराव कोकाटे की विधानसभा सदस्यता पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही. उन्होंने इसे कानून की समानता से जोड़ते हुए गंभीर सवाल खड़े किए हैं.