महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को बड़ी राहत मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को जमानत दे दी है. अनिल देशमुख को ये जमानत ईडी द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें 1 लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है.
एनसीपी नेता अनिल देशमुख को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा. दरअसल, उन्हें ईडी द्वारा दायर केस में मिली है. उन्हें सीबीआई द्वारा दायर केस के चलते अभी जेल में ही रहना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जल्द फैसला करने का निर्देश
अनिल देशमुख की जमानत याचिका मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा याचिका 8 महीने से लंबित रखने पर नाराजगी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर जमानत याचिका पर सुनवाई कर फैसला दिया जाए.
देशमुख ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था, बॉम्बे हाईकोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो रही है. इस मामले में दो जज पहले ही सुनवाई से खुद को अलग कर चुके हैं.
SC ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "कोई भी व्यक्ति, जो जमानत के लिए अर्जी दाखिल करता है, उसे शीघ्र सुनवाई की उम्मीद होती है. मगर, इस सुनवाई को 8 महीने तक लंबित रखना जमानत के न्याय विधान के अनुरूप नहीं है."
अनिल देशमुख के खिलाफ क्या मामला?
अनिल देशमुख अभी जेल में ही बंद हैं. पिछले साल मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे. इस मामले की जांच CBI कर रही है.
बाद में ED ने भी इसकी जांच शुरू की. ED को जांच में मिला कि गृह मंत्री रहते हुए देशमुख ने अपने पद का दुरुपयोग किया और मंबई के ऑर्केस्ट्रा बार से 4.70 करोड़ रुपये की वसूली की. बाद में इस पैसे को उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख ने दिल्ली की एक शेल कंपनी को कैश के रूप में ट्रांसफर किए. उसके बाद यही रकम श्री साईं शिक्षण संस्था को डोनेशन के रूप में मिली. इस संस्था को देशमुख परिवार चलाता है.