मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को जमानत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति एनजे जमादार ने कहा कि 73 साल के देशमुख कई बीमारियों से पीड़ित हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख को सशर्त जमानत दी है.
न्यायमूर्ति जमादार ने जमानत देते हुए कहा कि अनिल देशमुख की जड़ें समाज में हैं और उनके न्याय से भागने की संभावना दूर की कौड़ी लगती है. कोर्ट ने ये भी कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से इस बात का ध्यान रखा जा सकता है कि सबूतों से छेड़छाड़ ना हो और गवाहों को धमकाया न जाए. कोर्ट ने अनिल देशमुख को दो महीने तक हर सोमवार और इसके बाद अगले चार महीने तक हर दूसरे सोमवार को सुबह 10 से 12 बजे के बीच ईडी के सामने पेश होने के लिए भी कहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से संबंधित मामले में हर तारीख पर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा. अनिल देशमुख को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और वे मुकदमे की सुनवाई होने तक मुंबई में ही रहेंगे. कोर्ट ने ये भी कहा कि वे पूर्व अनुमति के बिना मुंबई शहर से बाहर नहीं जाएंगे. वे ऐसी किसी भी गतिविधि में किसी भी तरह से शामिल नहीं होंगे जिसके लिए उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है.
कोर्ट ने ये भी कहा कि अनिल देशमुख सह आरोपी या उन गतिविधियों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल किसी भी व्यक्ति से कम्युनिकेशन की कोशिश नहीं करेंगे. उन्हें (अनिल देशमुख को) ये सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी वजह से ट्रायल में देरी ना हो. सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.
कोर्ट ने कहा कि हर मामले में अनिल देशमुख को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि अन अकाउंटेड संपत्ति टैक्स वायोलेशन के लिए कार्रवाई योग्य हो सकती है लेकिन उसे तब तक अपराध की आय नहीं कहा जा सकता जब तक अपराध सिद्ध ना हो जाए.
अनिल देशमुख पर महाराष्ट्र का गृह मंत्री रहते अनिल वाजे के जरिये जबरन वसूली कराने का आरोप है. ईडी के मुताबिक, कुछ पुलिसकर्मियों के जरिये देशमुख ने गृह मंत्री रहते जबरन वसूली की थी जिसे हवाला के माध्यम से देशमुख परिवार के स्वामित्व वाले ट्रस्ट श्री साईं शिक्षण संस्थान को भेजा गया था. कोर्ट ने सचिन वाजे के दागी रिकॉर्ड की भी चर्चा की.
वाजे के बयान में विसंगतियों का भी उल्लेख
कोर्ट ने सचिन वाजे के बयानों में विसंगतियों का भी उल्लेख किया और ये भी कहा कि मामला एक नंबर वन के इर्द-गिर्द घूमता है जिसके आदेश पर वाजे के खिलाफ धन उगाही का आरोप लगा था. कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज धारा 164 के बयान में पुलिसकर्मी, बार और रेस्टोरेंट मालिकों के बयानों का भी जिक्र किया.