महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के छह नए मामले दर्ज किए हैं और एक की मौत हो गई. विभाग का कहना है कि आज तक कुल 203 संदिग्ध मरीज़ों का पता चला है. इनमें से 176 मरीजों में जीबीएस पाया गया. अब तक कुल 8 मौतें हुई हैं. इनमें से 4 मौतों की पुष्टि जीबीएस से हुई और 4 संदिग्ध मौतें रिपोर्ट की गईं.
विभाग की मानें तो पुणे एमसी से 41 मरीज, पीएमसी क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से 94, पिंपरी चिंचवाड़ एमसी से 29, पुणे ग्रामीण से 31 और अन्य जिलों से 8 मरीज मिले हैं. इनमें से 109 मरीज़ों को अब तक अस्पताल से छुट्टी मिल गई है तो 52 मरीज आईसीयू में हैं और 20 वेंटिलेटर पर हैं. राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और प्रभावित इलाकों में निगरानी प्रयासों को तेज कर दिया है.
इससे पहले 6 फरवरी को पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने नांदेड़ गांव, धायरी और पुणे शहर के सिंहगढ़ रोड पर आस-पास के इलाकों में 30 निजी जल आपूर्ति संयंत्रों को सील कर दिया था. इन इलाकों की पहचान प्रकोप के केंद्र के रूप में की गई है. 6 फरवरी को पीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिनों में इन संयंत्रों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
वहीं, इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र के प्रमुख स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की और जीबीएस से प्रभावित मरीजों के टेस्ट और इलाज समेत राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किए जा रहे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की.