जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कश्मीर में मस्जिदों और दरगाहों में लोगों को नमाज अदा करने से रोके जाने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट कर किहा कि कश्मीर में मस्जिदों और दरगाहों में लोगों को नमाज अदा करने से रोकना बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं के प्रति भारत सरकार के अनादर को दिखाता है. ऐसे समय में जब पार्क और सार्वजनिक स्थान खुले हुए हैं और दिनभर अनगिनत भीड़-भाड़ वाले सरकारी कार्यक्रम होते रहते हैं.
महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी नेता डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ्ती झूठ बोल रही हैं. उनके आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है. कश्मीर घाटी में किसी को भी मस्जिद में नमाज अदा करने से नहीं रोका जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि महबूबा मुफ्ती ने अपना राजनीतिक आधार खो दिया है और अब वह सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादास्पद टिप्पणी कर रही हैं, लेकिन घाटी में उनके एजेंडे को कोई लेने वाला नहीं है.
Preventing people from offering prayers & obeisance at mosques & shrines in Kashmir shows GOIs disrespect for sentiments of the majority community. Especially at a time when parks & public spaces are open & countless crowded govt functions held through the day. Reeks of bias. pic.twitter.com/cf1LJ9at0H
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 2, 2021
बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से देशभर में कई जगहों पर धार्मिक जगहों को बंद रखा गया था. कोरोना मामलों की वजह से ही कश्मीर घाटी में भी मंदिर और मस्जिद को लेकर भी पाबंदियां लगाई गई थीं. महबूबा मुफ्ती विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार पर समय-समय पर हमला बोलती रहती हैं.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में तालिबान के बहाने केंद्र पर निशाना साधा था. उन्होंने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर के लोगों से बातचीत शुरू करने की अपील की थी और कहा था कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दोबारा दिया जाए. मुफ्ती ने कहा था कि तालिबान ने अमेरिका को भागने पर मजबूर किया. हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो. जिस दिन सब्र का इम्तेहान टूटेगा, आप भी नहीं रहोगे. मिट जाओगे.