गुजरात में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. जगह-जगह जलभराव की समस्या सामने आ रही है. तमाम तकलीफों के बीच एक सुकून देने वाला वीडियो सामने आया है. यह वीडियो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया है. बारिश के बीच मोढेरा के सूर्य मंदिर का एक विहंगम नजारा देखने को मिला.
मोढेरा के सूर्य मंदिर का वीडियो ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा कि मोढ़ेरा का प्रतिष्ठित सूर्य मंदिर बारिश के दिन में शानदार दिख रहा है. गौरतलब है कि गुजरात के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है. राज्य के कई जिलो में डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं. हालात बिगड़ने के बाद जलाशयों के गेट खोले जा रहे हैं.
Modhera’s iconic Sun Temple looks splendid on a rainy day 🌧!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2020
Have a look. pic.twitter.com/yYWKRIwlIe
कच्छ में कई दिनों से बारिश हो रही है. उसका असर अन्य इलाकों में भी दिख रहा है. पूरा कच्छ शहर समंदर में तब्दील हो गया है. गाड़ियां तैरती नजर आ रही हैं. गिर सोमनाथ में भी भारी बारिश का तांडव दिख रहा है. हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि रावल डैम भी ओवरफ्लोर हो चुका है. मूसलाधार बारिश के बाद डैम ओवलफ्लो होने लगा तो इसके पांच गेट खोलने पड़े.
रावल डैम खोलने के कारण प्रशासन ने 18 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया. गिर सोमनाथ के सभी डैम का एक जैसा हाल है. मोरबी जिले का भी हाल बुरा है. मोरबी और कच्छ को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 27 का डूब चुकी है, लिहाजा आवाजाही बंद कर दी गई है. यहां दो दिन से हो रही लगातार बारिश हो रही है. इस वजह से जिला के सभी डैम ओवर फ्लो हो चुके हैं.
राजकोट में भी आसमानी आफत बेहिसाब है. भारी बारिश के बाद हालत ऐसी हो गई है कि डैम लबालब भर चुके हैं. जलाशयों में जलस्तर बढ़ने का खतरा महसूस होने के बाद प्रशासन एक-एक कर उनके गेट खोल रहा है. सोमवार को मोज डैम के 6 दरवाजे खोले गए. राजकोट के स्वामी नारायण मंदिर के पिछले हिस्से में पानी ही पानी भर गया है.
गुजरात के जूनागढ़ में भी हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. कई जगहों पर पुल के उपर से पानी ओवरफ्लो कर रहा है. लोग उसी खतरे के बीच से जान जोखिम में डालकर नदी को पार कर रहे हैं. सूरत में ताप्ती नदी सबकुछ उजाड़ देने को बेताब है. कई दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से नदी में पानी का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.
अहमदाबाद में भी हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं. स्थिति नाजुक होने के बाद महिसागर काडना बांध से महि नदी में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा. इस वजह से कई पुल पानी में डूब गए. अब प्रशासन ने निचले इलाके में बसे लोगों को अलर्ट कर दिया है. यातायात भी बंद कर दिए गए हैं.