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जूनागढ़ में 253 करोड़ के साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़, ऑपरेशन 'म्यूल हंट' के तहत बड़ी कार्रवाई

जूनागढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने ऑपरेशन म्यूल हंट के तहत 253 करोड़ रुपये के बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है. मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक आरोपी सूरत जेल में बंद है. जांच में 360 से ज्यादा म्यूल बैंक खातों के जरिए करोड़ों की हेराफेरी सामने आई है. पुलिस जांच जारी है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.(Photo: Bhargavi K Joshi/ITG)
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.(Photo: Bhargavi K Joshi/ITG)

जूनागढ़ साइबर क्राइम पुलिस ने ऑपरेशन म्यूल हंट के तहत 253 करोड़ रुपये के बड़े साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है. इस मामले में पुलिस ने अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी पहले से सूरत जेल में बंद है, जिसे पूछताछ के लिए जूनागढ़ लाया जाएगा. इस खुलासे के बाद साइबर अपराध से जुड़े बड़े नेटवर्क की परतें खुली हैं.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम पवन हिरानी, जावेद तुर्क, भरत देत्रोंजा, एरजन गरेजा, अल्ताफ समा, सोनू सोढा, चिराग साधु और रक्षित काछडिया बताए गए हैं. वहीं, हुसैन तुर्क की गिरफ्तारी अभी बाकी है.

यह भी पढ़ें: पुरानी कार बेचने और खरीदने वालों से करता था ठगी, जूनागढ़ से शातिर ठग गिरफ्तार

360 से ज्यादा बैंक खातों से की गई हेराफेरी

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने 360 से अधिक बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की. यह साइबर फ्रॉड रैकेट पूरे देश में सक्रिय था और अलग-अलग राज्यों में लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था.

पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक समेत कई बड़े बैंकों के खातों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ठगी, फर्जी ट्रांजैक्शन और रकम की लेयरिंग की जा रही थी, ताकि पैसों के असली स्रोत को छिपाया जा सके.

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गुजरात सरकार के आदेश पर शुरू हुई जांच

साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी सी. वी. नायक ने बताया कि गुजरात सरकार के समन्वय पोर्टल के जरिए साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल हो रहे म्यूल बैंक अकाउंट्स की जांच के आदेश मिले थे. इसी के तहत जब जांच की गई, तो 360 ऐसे बैंक खाते सामने आए, जिनमें भारी रकम का लेन-देन हुआ था.

तकनीकी निगरानी और बैंक डिटेल्स के आधार पर पूरे नेटवर्क की पहचान की गई. इसके बाद कार्रवाई करते हुए आठ आरोपियों को जूनागढ़ से गिरफ्तार किया गया.

जूनागढ़

सूरत जेल में बंद आरोपी से भी होगी पूछताछ

पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का एक मुख्य आरोपी पहले से सूरत जेल में बंद है. अब उसे ट्रांसफर ऑर्डर के जरिए जूनागढ़ लाया जाएगा, ताकि उससे गहन पूछताछ की जा सके और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिल सके.

पुलिस का कहना है कि आरोपी फर्जी खातों और म्यूल अकाउंट्स के जरिए रकम को अलग-अलग खातों में घुमाकर सबूत मिटाने की कोशिश करते थे.

जांच जारी, जनता से अपील

फिलहाल पुलिस सभी 360 बैंक खातों की गहन जांच कर रही है और इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है. साइबर क्राइम पुलिस का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

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साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी सी. वी. नायक ने आम जनता से अपील की है कि लालच में आकर किसी के कहने पर बैंक अकाउंट न खुलवाएं, क्योंकि ऐसे अकाउंट्स का गलत इस्तेमाल साइबर फ्रॉड में किया जा सकता है. पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई बड़ी सफलता है, लेकिन जांच अभी जारी है.

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