गुजरात के दाहोद जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने यह साबित कर दिया कि 21वीं सदी के आधुनिक युग में भी अंधविश्वास की जड़ें कितनी गहरी हैं. यहां तीन माह पहले अस्पताल में आखिरी सांस लेने वाले एक मृतक के परिजन उसकी आत्मा को घर ले जाने के लिए अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने एक तांत्रिक के जरिए विधि-विधान से पूजा-पाठ कराया.
मिली जानकारी के अनुसार, तीन महीने पहले एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था और उसे दाहोद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मृतक के परिवारजन, जो मध्य प्रदेश के निवासी हैं, मानते हैं कि मृतक की आत्मा अब भी अस्पताल में भटक रही है.
इसी विश्वास के चलते वे रविवार को दाहोद के उसी निजी अस्पताल पहुंचे और एक तांत्रिक को साथ लेकर आए. तांत्रिक ने अस्पताल परिसर में पूजा-पाठ और तांत्रिक क्रियाएं कीं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसने सफेद वस्त्र पहन रखे थे और पूजा के बाद वह नाचने-झूमने लगा. उसने दावा किया कि मृतक की आत्मा अब शांत हो गई है और वह उसे साथ लेकर जा रहा है.
यह पूरा घटनाक्रम अस्पताल के स्टाफ और मरीजों के सामने हुआ, जिससे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया. कई लोग इस अंधविश्वास पर आश्चर्य और आक्रोश दोनों प्रकट कर रहे हैं. मृतक के पुत्र लोकेन्द्र गामड़ ने बताया कि 'हमारे परिवार ने तांत्रिक को बुलाया ताकि पिता की आत्मा को शांति मिल सके. अब हम उसे घर ले जा रहे हैं ताकि विधिवत क्रिया की जा सके.'
स्थानीय लोगों ने इस घटना को अंधश्रद्धा का उदाहरण बताया और कहा कि विज्ञान और शिक्षा के इस दौर में भी लोग अंधविश्वास में यकीन रखते हैं, यह समाज के लिए चिंताजनक है. फिलहाल प्रशासन ने इस घटना पर कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की है, लेकिन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.