सुप्रीम कोर्ट में यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा की पत्नी की जमानत पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रीति चंद्रा को मनी लांड्रिंग केस में जमानत दी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
दरअसल, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में देर शाम तक इस मामले की सुनवाई हुई. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रीति चंद्रा की जमानत के खिलाफ कई दलील दी. ईडी ने कहा कि प्रीति चंद्रा भी यूनिटेक घर खरीदारों के 27 हज़ार करोड़ की राशि के हेरफेर से जुड़े मामले में सक्रिय रूप से भागीदार है.
प्रीति चंद्रा के मनी लांड्रिंग में शामिल होने का मामला
हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रीति चंद्रा सिर्फ एक निदेशक है. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वह कंपनी के रोजमर्रा का काम काज देखती थी. साथ ही हाईकोर्ट ने जमानत का आदेश देते हुए कहा था कि प्रीति चंद्रा मनी लांड्रिंग में शामिल है या नहीं यह ट्रायल का विषय है और महिला होने के कारण हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी.
यह जालसाजी का मामला है- ईडी
ईडी ने कहा कि यह कोई आम मामला नहीं है और उनके पास गवाहों के बयान दर्ज हैं. यह पूरा हेरफेर एक षड्यंत्र के तहत किया गया था. पुरानी तारीख में दस्तावेज बनाए गए थे. यह जालसाजी का मामला है. वह एक मात्र डायरेक्टर नहीं थी.
प्रीति चंद्रा ने विदेश में लैम्बोर्गिनी कार खरीदी
ईडी ने कहा कि प्रीति चंद्रा सक्रिय रूप से पैसे उधार लेने में शामिल थी. साथ ही कंपनी के ऑडिट में भी उसकी सक्रिय भूमिका थी. उसने विदेश में एक लैम्बोर्गिनी कार भी खरीदी थी. हालांकि जांच में उसने इससे इनकार कर दिया. मगर, यह साबित करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.