दिल्ली के शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी एक हफ्ते से अपने दफ्तर में नहीं हैं. वजह, वे छत्तीसगढ़ की एक वर्कशॉप में 'मूल्य आधारित शिक्षा' की क्लास लेने में व्यस्त हैं. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आदेश पर कम से कम 40 अधिकारी छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक हफ्ते का 'मध्यस्थ दर्शन जीवन विद्या' कोर्स कर रहे हैं. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने यह खबर दी है.
एक अप्रैल को जारी किए गए प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक, 2 से 8 अप्रैल तक यह सेमिनार मानवीय शिक्षा शोध संस्थान की ओर से आयोजित की जा रही है. इस संस्था के एक प्रवक्ता ने बताया कि मनीष सिसोदिया उनसे तभी से जुड़े हैं, जब वे एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता थे.
इस पर आम आदमी पार्टी के एक नेता ने कहा कि इसका मकसद दिल्ली के स्कूली छात्रों को बेहतर नागरिक बनाना है. इस पर सिसोदिया प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए लेकिन उनके मीडिया सलाहकार अरुणोदय प्रकाश ने पुष्टि की कि उनके मंत्री एक वर्कशॉप के लिए छत्तीसगढ़ में हैं और बुधवार को दिल्ली लौटेंगे. सूत्रों के मुताबिक, सिसोदिया ने अपने अधिकारियों के रवाना होने के चार दिन बाद सोमवार को यह वर्कशॉप जॉइन की.
सिसोदिया 'मूल्य आधारित शिक्षा' के हिमायती माने जाते हैं. इसकी झलक पिछले महीने के उनके इस बयान में भी मिलती है जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराध पर काबू पाने के लिए स्कूल स्तर पर सही शिक्षा देनी होगी. वर्कशॉप के आयोजक योगेश शास्त्री के मुताबिक, सामाजिक कार्य के दौरान मनीष सिसोदिया 'मध्यस्थ दर्शन' से बतौर शिक्षक जुड़े हुए थे.