
राजधानी दिल्ली में 5 महीने पहले हुई 26 वर्षीय लड़की की हत्या मामले में आरोपी युवक ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. आरोपी आफताब ने पुलिस को बताया कि कैसे उसने अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करके उसके 20 टुकड़े किए. फिर शव को किस तरह ठिकाने लगाया. मामले में पुलिस ने अब तक कुछ हड्डियां भी बरामद कर ली हैं.
बता दें, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस हत्याकांड का खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि आफताब अमीन पूनावाला नामक शख्स शादी का झांसा देकर कॉल सेंटर में काम करने वाली महिला सहकर्मी श्रद्धा वाकर को मुम्बई से दिल्ली लेकर आया. जब श्रद्धा ने शादी का दबाव बनाया तो आफताब ने उसकी हत्या कर दी.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि 18 मई को दोनों के बीच शादी को लेकर लड़ाई हई. जिसके बाद उसने फ्लैट के अंदर ही पहले धारदार हथियार से श्रद्धा की हत्या की. फिर आरी से पहले उसके हाथ के तीन टुकड़े किए. इसके बाद पैर के भी तीन टुकड़े किए. ऐसा करके पूरी बॉडी के कुल 20 टुकड़े किए.

अब शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए, इसके लिए उसने प्लान बनाया. रोज वह पिट्ठू बैग में शव के कुछ टुकड़ों को लेकर शहर के अलग-अलग इलाकों में जाता और ठिकाने लगा देता. उसे लगा था कि कोई भी इस तरह उसे पकड़ नहीं पाएगा.
आरोपी ने पुलिस को उन ठिकानों के बारे में भी बताया जहां उसने श्रद्धा को मारने के बाद बॉडी पार्ट्स फेंके थे. पुलिस ने एक दो जगहों से कुछ हड्डियां बरामद कर ली हैं. बाकी ठिकानों पर भी पुलिस पहुंच कर जांच कर रही है.

क्या था पूरा मामला?
59 वर्षीय विकास मदान वाकर ने 8 नम्वबर को अपनी बेटी के अपहरण की एफआईआर दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि वह परिवार सहित महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं. पीड़ित की 26 वर्षीय बेटी श्रद्धा वाकर मुम्बई के मलाड इलाके में स्थित बहुराष्ट्रीय कम्पनी के कॉल सेंटर में नौकरी करती थी. यहीं पर श्रद्धा की मुलाकात आफताब अमीन से हुई. जल्द ही दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया.

आफताब और श्रद्धा मुंबई छोड़ दिल्ली में हुए शिफ्ट
श्रद्धा के पिता विकास मदान वाकर ने बताया कि विरोध करने पर बेटी और आफताब ने अचानक मुम्बई को छोड़ दिया. बाद में पता चला कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रहते हैं. उन्होंने बताया कि किसी न किसी माध्यम से बेटी की जानकारी मिलती रहती थी. लेकिन मई महीने के बाद से उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था. उसके फोन नंबर पर भी सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भी नहीं मिला. फिर अनहोनी की आशंका होने पर वह आठ नवंबर को सीधे छतरपुर स्थित फ्लैट में गए जहां बेटी किराये पर रहती थी. वहां पर ताला बंद होने के बाद विकास ने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई.

शादी को लेकर होते थे झगड़े
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस से शनिवार को आफताब को ढूंढ निकाला. आफताब ने पूछताछ में बताया कि दोनों के बीच शादी को लेकर अक्सर झगड़े होते थे. श्रद्धा उस पर शादी का दबाव बनाती थी. इसलिए उसने 18 मई को श्रद्धा की धारदार हथियार से हत्या कर डाली.