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India Gate पर प्रोटेस्ट के इस वायरल फोटो पर दिल्ली पुलिस की सफाई, बताया क्या हुआ था उस दिन

दिल्ली के इंडिया गेट प्रदर्शन की वायरल तस्वीर पर पुलिस ने सफाई दी है. DCP देवेश महला ने कोर्ट में बताया कि तस्वीर में दिख रहे आरोपी अक्षय के हाथ में लाठी नहीं, बल्कि पेपर स्प्रे था, जिसका इस्तेमाल पुलिसकर्मियों को घायल करने की योजना के तहत किया जाना था. पुलिस ने इसे पूर्व-नियोजित साजिश बताया. पहले भी यही समूह सड़क जाम करने की कोशिश कर चुका था. कोर्ट ने छहों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया.

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ये फोटो तेजी से वायरल हुई और दिल्ली पुलिस पर सवाल उठे. (Photo: ITG)
ये फोटो तेजी से वायरल हुई और दिल्ली पुलिस पर सवाल उठे. (Photo: ITG)

दिल्ली के इंडिया गेट पर हुए हालिया विरोध प्रदर्शन के दौरान वायरल हुई एक तस्वीर पर उठे सवालों के बीच दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई पेश की है. दिल्ली पुलिस के डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला खुद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए और पूरी घटना का विस्तृत विवरण अदालत को दिया.

वायरल तस्वीर में आरोपी के हाथ में था पेपर स्प्रे
DCP ने कोर्ट को बताया कि सोशल मीडिया पर जिस तस्वीर को पुलिस की मारपीट का उदाहरण बताकर फैलाया गया, वह भ्रामक है. तस्वीर में दिख रहे आरोपी अक्षय के हाथ में पुलिस की लाठी नहीं, बल्कि पेपर स्प्रे था. महला ने कहा कि यदि उसे समय रहते काबू नहीं किया जाता, तो और कई पुलिसकर्मी घायल हो सकते थे.

पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने की थी योजना
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की योजना पुलिसकर्मियों की आंखों में पेपर स्प्रे छिड़ककर उन्हें घायल करने की थी. DCP ने जानकारी दी कि इस घटना से पहले ही 10 पुलिसकर्मी घायल हो चुके थे. उन्होंने कहा कि यह पूर्व-नियोजित साजिश थी और प्रदर्शनकारियों के नारेबाजी से उनके "माइंडसेट" का पता चलता है.

नक्सल समर्थक नारे लगाने का आरोप
कोर्ट में पुलिस ने बताया कि आरोपी जिस संगठन के समर्थन में नारे लगा रहे थे, उसे केंद्र सरकार ने पहले ही आतंकी संगठन घोषित किया है. DCP महला ने कहा कि सभी आरोपी वयस्क हैं और सोच-समझकर इस तरह की गतिविधि में शामिल हुए.

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पहले भी सड़क जाम करने की कोशिश
DCP ने यह भी बताया कि 10 नवंबर को भी यही समूह दिल्ली प्रदूषण के नाम पर मान सिंह रोड को ब्लॉक करने पहुंचा था और पुलिस से झड़प की थी.

फंडामेंटल राइट्स बनाम फंडामेंटल ड्यूटीज़
जब आरोपियों के वकील ने दलील दी कि विरोध प्रदर्शन करना उनका मौलिक अधिकार है, तो DCP महला ने कहा कि नागरिकों को मौलिक अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए.

तीन दिन की पुलिस कस्टडी
पुलिस की दलीलों और घटना की गंभीरता को देखते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.

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