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दिल्ली के ऐतिहासिक स्मारक बनेंगे ड्रीम वेडिंग वेन्यू, सरकार की नई योजना पर काम शुरू

दिल्ली सरकार अब ऐतिहासिक स्मारकों को शादी और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए खोलने की योजना पर काम कर रही है. म्यूटिनी मेमोरियल, दारा शिकोह लाइब्रेरी, ग़ालिब हवेली और कुदसिया गार्डन जैसे स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे. लगभग 80 स्मारकों को इस पहल में शामिल किया जाएगा. सरकार ने सुरक्षा और जीएसटी में राहत की भी तैयारी की है.

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ऐतिहासिक स्मारकों में होंगे विवाह समारोह.(Photo: AI-generated)
ऐतिहासिक स्मारकों में होंगे विवाह समारोह.(Photo: AI-generated)

देश की राजधानी दिल्ली में जल्द ही शादी या सांस्कृतिक कार्यक्रम किसी पांच सितारा होटल में नहीं, बल्कि सैकड़ों साल पुराने ऐतिहासिक स्मारकों में हो सकेंगे. राजधानी सरकार इन धरोहर स्थलों को शादी और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए खोलने की योजना पर काम कर रही है.

दिल्ली सरकार की योजना है कि चुनिंदा ऐतिहासिक इमारतों को निजी कार्यक्रमों के लिए बुक किया जा सके. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली आर्कियोलॉजी विभाग के अधीन कई स्मारकों को इस योजना में शामिल किया गया है. इनमें 1857 की क्रांति में शहीद हुए सैनिकों की याद में बने म्यूटिनी मेमोरियल (नॉर्दर्न रिज), काश्मेरी गेट स्थित दारा शिकोह लाइब्रेरी और GTK बस डिपो के पास स्थित मकबरा पैक जैसे ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं.

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लोधी काल से मुगल काल तक की धरोहरें भी सूची में

सूची में साधना एंक्लेव की एक लोधी कालीन कब्र, जो शुरुआती हिंद-इस्लामी स्थापत्य का उदाहरण मानी जाती है, भी शामिल है. इसके अलावा कुदसिया गार्डन के मंडप, जो 18वीं सदी में बादशाह मुहम्मद शाह की पत्नी कुदसिया बेगम ने बनवाए थे. उसको भी आयोजन स्थलों में जोड़ा जा सकता है. वहीं वसंत विहार में लोधी और सैयद काल की दीवारों और मकबरों के अवशेष, चांदनी चौक स्थित ग़ालिब हवेली और बड़ा लाओ का गुम्बद (14वीं सदी का यात्रियों का विश्रामगृह) जैसे स्थल भी इस योजना में शामिल किए जा सकते हैं.

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सुरक्षा और संरक्षा होगी सर्वोच्च प्राथमिकता

अधिकारी ने बताया कि योजना अभी शुरुआती चरण में है और फिलहाल चर्चा चल रही है कि किन स्थलों को शामिल किया जाए और किस तरह कार्यक्रम आयोजित हों. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के दौरान ऐतिहासिक इमारतों को किसी भी तरह की क्षति से बचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. सरकार जीएसटी में भी राहत देने पर विचार कर रही है ताकि इन वेन्यूज़ की बुकिंग अधिक लोगों की पहुंच में आ सके.

80 स्मारकों को जोड़ा जा सकता है योजना से

अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 80 स्मारकों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर सांस्कृतिक और निजी कार्यक्रमों के लिए चुना जा सकता है. यह विचार पहले दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने पेश किया था. उन्होंने कहा कि विभाग इन स्थलों को आम जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुमतियों पर काम कर रहा है.

ऐतिहासिक विरासत और आधुनिक समारोहों का संगम

अगर यह योजना लागू होती है, तो दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतें सिर्फ इतिहास की गवाह नहीं रहेंगी, बल्कि आधुनिक भारतीय शादियों और सांस्कृतिक आयोजनों का हिस्सा भी बन जाएंगी, जहां पुरातन वैभव और आधुनिक रौनक का संगम देखने को मिलेगा.

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