भीषण गर्मी में पानी की किल्लत के बीच दिल्ली प्रदूषण संकट से भी जूझ रही है. इससे निपटने के लिए पर्यावरण विभाग ने एक्शन प्लान बनाया है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में गर्मी में खास तौर पर धूल प्रदूषण से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
24 मई से 12 जून के बीच दिल्ली का AQI इंडेक्स मॉडरेट या पुअर केटेगरी में था. 15 जून से 15 सितंबर तक गर्मी के प्रदूषण से निपटने के लिए एक्शन प्लान एक्टिव रहेगा. समर एक्शन प्लान बनाने के लिए दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को मीटिंग के दौरान 30 अलग-अलग विभाग मौजूद रहे.
30 जून तक चलेगा एंटी डस्ट कैंपेन
समर एक्शन प्लान के कई फोकस पॉइंट्स हैं. जैसे, गर्मी में धूल प्रदूषण की मुख्य वजह है. इसलिए दिल्ली में 15 जून से 30 जून तक एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जाएगा. दिल्ली में अलग-अलग एजेंसियों की 580 पेट्रोलिंग टीम निरीक्षण करेंगी कि निर्माण साइट्स पर डस्ट नियम फॉलो हो रहे हैं या नहीं.
ओपन बर्निंग से निपटने के लिए 573 टीमें तैनात
इसके अलावा ओपन बर्निंग से निपटने के लिए 573 टीमों को तैनात किया जाएगा. लैंडफिल साइट के लिए अलग से SOP बनाई गई है. उद्योग के कचरे से निपटने के 33 टीमें तैनात की जाएंगी. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा. कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम स्ट्रांग करने की सलाह MCD को दी जाएगी.
ट्री प्लांटेशन पॉलिसी को रिवाइज्ड करने का फैसला
नॉर्थ इंडिया के सभी राज्यों से संवाद किया जाएगा ताकि पराली जलने के प्रभाव को सर्दी के मौसम में कम किया जा सके. ट्री प्लांटेशन पॉलिसी को रिवाइज्ड करने का फैसला लिया गया है. वन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है. ट्री ट्रांसप्लांट के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि ट्रांसप्लांट किए गए पेड़ का सरवाइवल रेट बढ़ सके.
नोडल एजेंसी को बदलाव के साथ रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं. मौजूदा समय में ट्री ट्रांसप्लांट का सरवाइवल रेट 40 से 50 प्रतिशत तक है. मंत्री गोपाल राय का कहना है कि फिलहाल प्रदूषण की मौजूदा स्थिति के हिसाब से किसी भी तरह के प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता नहीं है.