केंद्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा आरटीआई एक्ट, 2005 को ढंग से लागू नहीं करने की बात कही. सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन ने पत्र में कहा कि दिल्ली सरकार वास्तविक जानकारी को रोके रखती है और भ्रामक जानकारी साझा करती है. एलजी ने इस मामले में नियमों के अनुसार जल्द से जल्द सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिए.
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का राजनीतिक सफर ही आरटीआई एक्ट के दम पर चालू हुआ था. अब उनके खिलाफ आरोप लग रहे हैं कि उनकी सरकार इस एक्ट संचालन में सबसे बड़ी रोड-ब्लॉक के रूप में काम कर रही है. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने दिल्ली सरकार की विफलता की ओर इशारा किया है. यह अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को छिपाने के लिए किया जा रहा है. वास्तव में सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में उनकी विफलता को दिखाता है.
सूचना आयुक्त ने की LG से शिकायत
सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने उपराज्यपाल को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के कार्यान्वयन में दिल्ली सरकार की विफलता के बारे में लिखा है. इसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह बताया गया है कि राजस्व जैसे विभाग लोगों के साथ गलत जानकारी साझा करते हैं. पत्र में कहा गया है कि ऐसे विभाग जो भूमि मामलों से संबंधित हैं जैसे कि पीडब्ल्यूडी, सहकारी, स्वास्थ्य और बिजली के अलावा डीएसएसएसबी और डीएसआईआईडीसी आदि जैसे निकाय जो सीधे आम लोगों से निपटते हैं. यह विभाग या तो वास्तविक जानकारी को गलत उद्देश्यों से रोकते हैं, या फिर जानकारी मांगने वाले अपीलकर्ताओं के साथ वैध जानकारी साझा करने से इनकार करते हैं या उन्हें गुमराह करने के उद्देश्य से गलत सूचना दे देते हैं.
खुद पेश नहीं हो रहे सूचना अधिकारी
पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि जन सूचना अधिकारी आयोग के सामने पेश नहीं हो रहे हैं और अपने लिपिकों और निचले स्तर के कर्मियों को आयोग के सामने पेश होने के लिए भेज देते हैं.
LG ने दिया सुधार का निर्देश
केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा उठाए गए मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए, उपराज्यपाल सचिवालय ने मामले को जल्द से जल्द संबोधित करने के लिए मुख्य सचिव को नियमानुसार आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.