अगले साल दिल्ली की तीनों नगर निगमों का चुनाव होना है और निगम सचिव कार्यालय के लिए ये जरूरी होता है कि वो सभी पार्षदों की संपत्ति का विवरण अपने पास रखे, ताकि जब चुनाव होंगे तो पता चल सके कि किस पार्षद की संपत्ति में इज़ाफा हुआ और किसकी में नही. इसके अलावा हर साल अधिसूचना में पूरा ब्यौरा 30 मई तक कार्यालय में जमा कराने का होता है, लेकिन दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है.
महापौर और उप महापौर के चुनाव की बढ़ी गर्मी
दिल्ली में अनलॉक के बीच तीनों निगमों में महापौर और उप महापौर के चुनाव की गर्मी बढ़ने लगी है. अगले साल निगम का चुनाव होना है ऐसे में वर्तमान निगम के आखिरी साल में मौजूदा महापौर और उप महापौर रिपीट होंगे या फिर नए की एंट्री होगी, इस पर मंथन चल रहा है.
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ऐसे में नामांकन के लिए कभी भी अधिसूचना जारी हो सकती है. उत्तरी दिल्ली में नेता सदन योगेश वर्मा और छैल बिहारी का नाम सुर्खियों में है.
सिर्फ 300 रुपये पाते हैं पार्षद
दिल्ली में कुल 272 वार्ड हैं. हर वार्ड में एक पार्षद होता है. लेकिन उसे वेतन नहीं मिलता, सिर्फ हर बैठक का 300 रुपया भत्ता मिलता है. कई बार बैठकों में पार्षदों की तरफ से इसे लेकर अपनी व्यथा सुनाई जाती है.
आपको बता दें कि खस्ताहाल उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने शिक्षकों का एक महीने का वेतन जारी कर दिया है, अब शिक्षकों को मार्च 2021 तक का वेतन जारी कर दिया गया है. हालांकि दावा ये भी है कि सेवानिवृत कर्मचारियों की मार्च 2021 माह की पेंशन नही मिली है.