उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश के बाद अब छत्तीसगढ़ में बुलडोजर को लेकर सियासत शुरु हो गई है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ और मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार अपराधियों के आशियानों में बुलडोजर चला रही है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ में भी इसे लेकर सियासी पारा हाई होता जा रहा है.
संविधान कहता है अपराध से घृणा करो अपराधियों से नहीं. देश के कई राज्यों में अपराधियों के घरों में बुलडोजर चलाए जा रहे है. जिसके बाद छत्तीसगढ़ में भी बुलडोजर को लेकर आपसी तकरार शुरु हो गई है. एक तरफ बीजेपी जहां सरकार बनने के बाद बुलडोजर चलाए जाने की बात कह रही है तो वहीं कांग्रेस भी इसे लेकर बीजेपी पर सीधे हमलावर है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में अपराध बढ़ा है. मजहबी मानसिकता के लोग जिस प्रकार से प्रदेश का वातावरण खराब कर रहे है. निश्चित रूप से अपराधी लोगों पर बुलडोजर तो चलना ही चाहिए.
छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक है, एक तरफ जहां हर मुद्दों को भुनाने में बीजेपी लगी हुई है तो वहीं दूसरी ओर बुलडोजर को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के बुलडोजर बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है, उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के बयान को याद दिलाते कहा कि अरुण सब ठीक कह रहे हैं. रमन सिंह ने स्वीकार किया था कि 1 साल कमीशन खोरी बंद कर देंगे तो 30 साल तक राज करेंगे. अरुण साव को इसकी शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए. कांग्रेस बुलडोजर चालवाने में विश्वास नहीं करती, कानून में विश्वास करती है. उन्होंने लगातार बुलडोजर को लेकर भाजपा की राजनीति को लेकर कहा कि यह नफरत की राजनीति करते हैं, इनका मूल आधार हिंसा और नफरत है. कांग्रेस का आधार भाईचारा और प्रेम है, हम जोड़ने की बात करते हैं वह तोड़ने की बात करते हैं, वे सत्ता के भूखे लोग हैं.
तो वही कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने बुलडोजर पर जारी सियासत को लेकर अरुण साव को बतौर प्रदेश अध्यक्ष 1 साल पूरा करने की बधाई देते हुए कहा कि अरुण साव कह रहे हैं कि बुलडोजर चलाएंगे गरीबों का आशियाना उजाड़ेंगे, मैं विश्वास दिलाता हूं उनकी सरकार नहीं आएगी. कांग्रेस लोगों के आशियाना, झोपड़ी और उनके घर बनाने में विश्वास रखती हैं, बुलडोजर चलाने में नहीं.
अगर पॉलिटिकल एक्सपर्ट सुदीप श्रीवास्तव की माने तो उनका कहना है कि “भाजपा छत्तीसगढ़ में बहुत परेशान है. पिछले पांच साल में नए नेतृत्व को खड़ा करने में सफल नहीं हो पाई. तीन बार, 5 साल में प्रभारी बदल गया. इसी तरह तीन साल में तीन अध्यापक बदल गए. नंद कुमार साय जैसा बड़ा आदिवासी नेता पार्टी छोड़ गया. अरुण साव मेहनत जरूर कर रहे पर पुराने नेता उन्हें पा नहीं सके. क्या पृथ्वी भूमि पर धरना-प्रदर्शन और बुलडोजर जैसे मुद्दे उठा कर चुनवी वैतरणी पार करना चाहती है. परंतु ना तो संगठित अपराध यहां यूपी जैसा है ना अल्पसंख्याक आबादी है. ऐसे में उनका प्रयास पूरा हो ऐसा लगता नहीं है.”
चुनाव नजदीक आने के साथ ही छत्तीसगढ़ में बड़े मुद्दे लगातार उठाए जा रहे हैं. अब प्रदेश में बुलडोजर की भी एंट्री होती नजर आ रही है. बीजेपी जहां अपराधियों के आशियानों पर बुलडोजर चलाने की बात कह रही है तो वहीं कांग्रेस लोगों का आशियाना बनाने की बात कह रही है. इन सब के बीच आखिर जनता अपने मतों के माध्यम से किस पर बुलडोजर चलाएगी यह तो आने वाले समय पर ही पता चलेगा.