
बिहार के हाजीपुर में मुस्लिम धर्म की लड़की ने वैदिक अनुष्ठान से शुद्धि के बाद हिंदू युवक से शादी की है. इस दौरान आचार्यों ने गंगा स्नान और वैदिक रीति से अनुष्ठान संपन्न कराया. लालगंज के शिव मंदिर में हुई इस शादी में हल्दी से लेकर शादी की सभी रस्मों को हिंदू परंपरा से किया गया.
जानकारी के मुताबिक, लालगंज के सहथा का रहने वाला रौशन कुंवर पढ़ाई पूरी करने के लिए मुज्जफ्फरपुर गया था. इस दौरान वहां के गिंजास की ही रहने वाली लड़की नौसनी से मुलाकात हुई. फिर पढ़ाई के दौरान नजदीकियां कुछ ऐसी बनीं कि रौशन और नौसनी एक दूसरे से प्यार करने लगे.
फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया. मगर, दोनों के बीच बड़ी दिक्कत ये थी कि रौशन हिंदू था और नौसनी मुस्लिम. दोनों के बीच धर्म, सामाजिक या कहें वर्तमान हालात में सियासत की ऊंची दीवार थी. इसके बाद रौशन ने अपने घरवालों को अपने प्यार के बारे में बताया, तो घरवालों ने हामी भर दी.

नौसनी के परिजन शादी में नहीं हुए शामिल
अब बारी नौसनी की थी. उसने भी अपने प्यार को पाने के लिए धर्म की दीवार को लांघने का फैसला कर लिया. फिर नौसनी ने धार्मिक अनुष्ठान के बाद अपना नया नाम रुक्मिणी रखा.
धर्म की ऊंची दीवारों को लांघ हिंदू-मुस्लिम इस जोड़े की शादी को देखने के लिए इलाके के लोग जमा हो गए थे. इस दौरान नौसनी के घरवाले मौके पर मौजूद नहीं थे. मगर, रौशन का परिवार नौसनी से रुक्मिणी बनी अपनी बहु को देख गदगद हो गया और दोनों को आशीर्वाद दिया.

वैदिक विधानों के साथ आचार्यों ने कराया विवाह
मामले में आचार्य पंडित कमला कांत पांडे ने बताया कि नौसनी ने रौशन से शादी के लिए अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है. नौसनी से बनी रुक्मिणी को लालगंज की गंगा नदी में स्नान के बाद वैदिक विधानों के साथ आचार्यों ने उसका धर्म परिवर्तन कराया है.
आचार्यों की मौजूदगी में रुक्मिणी ने पवित्र नदी में डुबकी लगाई और विधि-विधान से हिंदू धर्म अपनाया है. लालगंज के शिव मंदिर में हिंदू रिवाज से हुई इस शादी में हल्दी की रस्म से लेकर सभी रस्में पूरी की गई हैं. फिर दोनों की धूमधाम से शादी को संपन्न कराया गया है.