
नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच 9 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. इस गहरे राजनीति संकट के बीच सोशल मीडिया पर उपद्रवियों द्वारा किसी गुट पर पत्थर फेंकने और हमला करने का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि रायट शील्ड (एक तरह की ढाल) को पकड़े हुए कुछ सुरक्षाकर्मियों पर प्रदर्शनकारी डंडे, पत्थर और लात बरसा रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि नेपाल में प्रदर्शन के दौरान सेना कुछ इस तरह से अपना बचाव करती रही, लेकिन प्रदर्शनकारी उन पर हमले करते रहे.

इस वीडियो को एक्स और फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कई लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “नेपाल में प्रदर्शन के दौरान सेना को इस तरह करना पड़ा बचाव, लेकिन फ़िर भी हमला करते रहे प्रदर्शनकारी!”

आज तक फैक्ट चेक ने पाया कि इस वीडियो का नेपाल में चल रहे आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. ये हाल ही में इंडोनेशिया में हुए एक हिंसक प्रदर्शन का वीडियो है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो में अपनी सुरक्षा कर रहे सुरक्षाकर्मी जिस रायट शील्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर अंग्रेजी में ‘POLISI’ लिखा है. ये देखकर हमें लगा कि ये वीडियो नेपाल का नहीं बल्कि किसी और देश का है, क्योंकि नेपाल में पुलिस को अंग्रेजी में ‘Police’ ही लिखा जाता है.
इस वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से ये हमें ‘Nigerian Military Gallery’ नाम के एक फेसबुक पेज पर मिला. 2 सितंबर, 2025 को पोस्ट की गई इस क्लिप के कैप्शन में लिखा गया था कि ये वीडियो इंडोनेशिया का है, जहां सांसदों के लिए प्रस्तावित नए आवास भत्ते को लेकर आम जनता में काफी नाराजगी थी और वहां के लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

नेपाल सरकार ने बीते 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था. मतलब साफ है, वायरल वीडियो इस घटना के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है और नेपाल के हालिया घटनाक्रमों से इसका कोई संबंध नहीं है.
इसके बाद कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें ‘Citrus County Chronicle’ नाम की एक अमेरिकी वेबसाइट में इस घटना की तस्वीर मिली. यहां इस फोटो का क्रेडिट ‘एसोसिएटेड प्रेस’ न्यूज एजेंसी को दिया गया है. साथ ही, यहां लिखा है, इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा के मेडान इलाके में सांसदों के भत्ते के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प में एक डिलीवरी राइडर की मौत हो गई थी. अगले दिन यानी 29 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था.

इसी टकराव की तस्वीर के साथ ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘अहमदाबाद मिरर’ जैसी वेबसाइट्स ने भी बीते 30 अगस्त को खबरें छापी थीं. इन खबरों के मुताबिक, 28 अगस्त को जकार्ता में संसद भवन के पास चल रहे प्रदर्शन के दौरान अफ्फान कुर्णिवान नाम के एक ड्राइवर की मौत हो गई. इसके बाद शुक्रवार, यानी 29 अगस्त की सुबह प्रदर्शनकारी जकार्ता के दंगा विरोधी पुलिस के मुख्यालय की तरफ बढ़ने लगे. इस दौरान पुलिस पर हमले भी किए गए. जवाब में पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे.
अफ्फान कुर्णिवान नाम के उस शख्स की मौत को लेकर इंडोनेशिया के नेशनल पुलिस चीफ लिस्ट्यो सिगित प्राबोवो ने आधिकारिक तौर पर जनता से माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि जो भी पुलिस अधिकारी इस मौत के जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
गूगल मैप्स पर हमें उत्तरी सुमात्रा के मेडान इलाके की वो सड़क भी मिल गई जहां से वायरल वीडियो रिकॉर्ड किया गया था. ये सड़क इंडोनेशिया की संसद के पास ही है.

साफ है, बीते 29 अगस्त को इंडोनेशिया में हुई एक झड़प का वीडियो अब नेपाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.