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फैक्ट चेक: यूपी में बंक मारने वाले स्कूली छात्रों को लेकर जारी हुआ ये नियम दो साल पुराना है, कोई नया आदेश नहीं

सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि यूपी सरकार ने एक नया आदेश निकाला है कि अगर स्कूल टाइम में कोई छात्र यूनिफॉर्म में मॉल, रेस्टोरेंट या पार्क में पाया जाता है तो उसे वहां एंट्री नहीं मिलेगी.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
यूपी सरकार ने एक नया आदेश निकाला है कि अगर स्कूल टाइम में छात्र यूनिफॉर्म में मॉल, रेस्टोरेंट या पार्क में पाया जाते हैं तो उन्हें वहां एंट्री नहीं मिलेगी.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये प्रस्ताव यूपी के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 2022 में जारी किया था, हाल फिलहाल में नहीं.

सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि यूपी सरकार ने एक नया आदेश निकाला है कि अगर स्कूल टाइम में कोई छात्र यूनिफॉर्म में मॉल, रेस्टोरेंट या पार्क में पाया जाता है तो उसे वहां एंट्री नहीं मिलेगी.

इस आदेश की लोग काफी तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि योगी सरकार का ये फैसला सराहनीय है और इस पर सख्ती से अमल होना चाहिए. यूजर्स लिख रहे हैं कि इससे बंक मारने वाले छात्रों पर लगाम लगेगी. फेसबुक पर सैकड़ों लोग इस पोस्ट को शेयर कर चुके हैं.

fact check

आजतक ने पाया कि ये प्रस्ताव यूपी के बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 2022 में जारी किया था, हाल फिलहाल में नहीं.

कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें इस फैसले को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. नवभारत टाइम्स की 28 जुलाई 2022 को छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी में बंक करने वाले छात्रों पर लगाम लगाने के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से एक प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एक सिफारिश पत्र भेजा गया था. पत्र में लिखा जिले के किसी भी सार्वजनिक स्थान पर छात्र-छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म में प्रवेश न दिए जाने की सिफारिश की गई थी.

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आयोग का कहना था कि बंक मार रहे छात्रों के साथ अप्रिय घटनाएं होने की संभावना होती है, जिन्हें रोकने के लिए यह नियम आवश्यक है. आयोग ने पत्र में जिलाधिकारियों से एक हफ्ते में इस नियम पर अमल करने के लिए भी कहा था.

इस बारे में उस समय जनसत्ता, टाइम्स नाउ जैसे कई मीडिया संस्थाओं ने खबरें छापी थीं.

ये पत्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चतुर्वेदी की तरफ से जारी किया गया था. हमने इस बारे में शुचिता से बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि ये नियम 2022 में जारी किया गया था, न कि हाल फिलहाल में. दोबारा ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है.

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