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फैक्ट चेक: तरबूज में मिलावट दिखाने के लिए बनाए गए स्क्रिप्टेड वीडियो को दिया गया सांप्रदायिक रंग

सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि एक मुस्लिम व्यक्ति को तरबूज में केमिकल मिलाते पकड़ लिया गया है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में दिख रहा आदमी मुस्लिम है जिसे तरबूज में मिलावट करते हुए पकड़ा गया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो स्क्रिप्टेड है, जिसे जागरूकता के लिए बनाया गया है. इसका कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

गर्मियों में तरबूज खरीदते समय ग्राहक इस बात का खासा ध्यान रखता है कि वो मीठा और लाल है या नहीं. लेकिन ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि तरबूज को नुकसानदेह केमिकल से भी मीठा और लाल बनाया जा सकता है.

इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है जिसके साथ कहा गया है कि एक मुस्लिम व्यक्ति को तरबूज में केमिकल मिलाते पकड़ लिया गया.

वीडियो में मुंह पर कपड़ा बांधे एक आदमी नजर आ रहा है जिसे एक दूसरा व्यक्ति डंडा दिखाकर डांट-फटकार रहा है. इस व्यक्ति का चेहरा नहीं दिख रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि ये कोई पुलिसकर्मी है.

ये व्यक्ति, कपड़ा बांधे आदमी को बोल रहा है कि वो तरबूज में केमिकल मिलाकर जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है. वो उससे ये भी पूछ रहा है कि तरबूज में ये मिलावट कैसे होती है. आदमी उससे हाथ जोड़कर माफी मांग रहा है कि उसे ऐसा करने के लिए उसके मालिक ने कहा. आदमी के आसपास कुछ तरबूज, इंजेक्शन और केमिकल रखे दिख रहे हैं. आखिर में ये आदमी पुलिसकर्मी को रिश्वत देने की कोशिश करता है लेकिन वो उसे पकड़कर ले जाता है. 

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तरबूज

वीडियो शेयर करते हुए एक एक्स यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “तरबूज में केमिकल डालता पकड़ाया शांतिदूत”. इसी दावे के साथ वीडियो को फेसबुक पर भी शेयर किया गया है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड है, असली घटना का नहीं.

कैसे पता चली सच्चाई?

कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें वीडियो का लंबा वर्जन “Social Message” नाम के एक फेसबुक पेज पर मिला. यहां ये वीडियो 29 अप्रैल 2024 को पोस्ट किया गया था. इस वीडियो में 0.28 सेकंड पर एक डिस्केलमर दिखाई देता है. इस डिस्केलमर में लिखा है कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड है और जागरूकता फैलाने के मकसद से बनाया गया है.

तरबूज

“Social Message” के पेज के बायो सेक्शन में भी ये बात लिखी है कि यहां मौजूद कुछ वीडियोज स्क्रिप्टेड हैं. इस पेज पर हाल ही में तरबूज में मिलावट को लेकर बने कई वीडियो अपलोड किए गए हैं. वायरल वीडियो “Social Message” के यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है. ये चैनल मनोरंजन के लिए वीडियो बनाता है.

साफ है कि इस स्क्रिप्टेड वीडियो को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है.

कैसे करें मिलावट वाले तरबूज की पहचान?

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भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने इसे लेकर यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया है. इसमें बताया गया है कि मिलावट के लिए तरबूज में एरिथ्रोसिन नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. इससे तरबूज को अंदर से लाल किया जाता है.

वीडियो के अनुसार, तरबूज में मिलावट का पता लगाने के लिए पहले इसे दो हिस्सों में काट लें. फिर थोड़ा कॉटन लें और उसे तरबूज के लाल हिस्से पर रगड़ें. अगर कॉटन लाल हो जाती है तो इसका मतलब है कि तरबूज में मिलावट की गई है. अगर कॉटन का रंग नहीं बदलता है तो तरबूज मिलावटी नहीं है.

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