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फैक्ट चेक: मदद की गुहार लगा रहे ‘भारतीय सैनिक’ का ये वीडियो असली नहीं, AI जेनरेटेड है

सोशल मीडिया पर वायरल कथित सैनिक वाला वीडियो असली नहीं बल्कि AI से बनाया गया है. जांच में वर्दी, झंडे, रोशनी और बैकग्राउंड की कई गड़बड़ियां मिलीं. हालांकि, पढ़ाई के बहाने रूस गए कई भारतीय युवा वाकई फंसे हुए हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो एक भारतीय युवा का है जिसे रूस में जबरन सेना में भर्ती कर युद्ध में भेज दिया गया और अब वो वहां फंस गया है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये सच है कि भारत के कई युवा रूस में फंसे हैं लेकिन ये वीडियो असली नहीं हैं. इसे AI से बनाया गया है.

सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाते  कथित सैनिक एक का वीडियो इस वक्त खूब शेयर किया जा रहा है. कुछ लोगों की मानें तो भारत का ये नौजवान पढ़ने के लिए रूस गया था लेकिन कुछ दिनों की ट्रेनिग देकर उसे जंग के मैदान में भेज दिया गया और अब वो वहां फंस गया है.

वीडियो में फौज की वर्दी पहने हुए एक युवा को ये कहते हुए सुना जा सकता है - “भाई लोग प्लीज मेरी मदद करो. इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा से शेयर. यहां पर बहुत ज्यादा लड़ाई हो रही है और मेरे साथ के दस लोग मर गए. मैं अकेला ही बचा हूं. प्लीज इस वीडियो को सरकार तक पहुंचा दो. मेरी मदद करो.”

वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “भारत में पढ़ाई बहुत मंहगी है, तो हरियाणा के बच्चे रूस चले गए ! वहां युद्ध चल रहा है तो बच्चों को 10 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध के मैदान में भेज दिया!! अब कुछ युवाओं का पार्थिक शरीर घर पहुंच गए है, कुछ लापता है एक युवा बचा हुआ है तो भारत सरकार से सहायता मांग रहा है. देखना होगा सहायता पहुँचती है या फिर पार्थिक शरीर.”

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fact check

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो असली नहीं है. इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI की मदद से बनाया गया है.

कैसे पता की सच्चाई?

ये खबर सही है कि बीते महीनों में स्टडी वीजा पर रूस गए कई भारतीय युवाओं को जबरन रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध के मैदान में भेज दिया गया. इसमें बड़ी संख्या में हरियाणा के नौजवान शामिल हैं. इनकी सही-सलामत घर वापसी के लिए परिजनों ने सरकार से गुहार भी लगाई है. जंतर-मंतर जाकर भी परिवारों ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया था.

जहां तक सवाल वायरल वीडियो का है, तो हमें इसमें कई गड़बड़ियां नजर आईं जिससे इसके AI से बने होने के संकेत मिले.

1) मिसाल के तौर पर सैनिक के कंधे पर भारतीय झंडा नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि रूसी सेना की वर्दी पर भारतीय झंडा कैसे हो सकता है?

2) इसके अलावा जवान के कंधे पर आर्मी पैच भी बिल्कुल अटपटा-सा है जोकि रूसी सेना की वर्दी से मेल नहीं खाता है.

3) वीडियो में सैनिक की आर्मी जैकट का एक पट्टा तो बिल्कुल साफ तौर पर नजर आ रहा है, लेकिन दूसरा पट्टा गायब है.

4) सूरज की लालिमा देखकर ये वीडियो सूर्योदय या सूर्यास्त के वक्त का लगता है. सूरज के आसपास का हिस्सा तो लाल नजर आ रहा है, सैनिक के चेहरे पर भी रौशनी दिख रही है, लेकिन जमीन पर इसका प्रभाव बिल्कुल भी नहीं दिख रहा है. अगर जमीन वाले हिस्से को क्रॉप कर दें तो ये दिन के वक्त का लगता है.

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5) सैनिक के पीछे बिजली का एक खंबा नजर आ रहा है. वीडियो में इसकी तारें कहीं नजर आ रही हैं, तो कहीं गायब हैं. इसके अलावा खंबे पर तारों को होल्ड करने के लिए कोई स्ट्रक्चर भी नहीं है.

fact check

MKT Star नाम के एक फेसबुक पेज ने 20 नवंबर को इसे पोस्ट किया था. इस चैनल पर AI से बने कई वीडियो मौजूद हैं. इसके अलावा वायरल वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो भी मौजूद हैं जिनमें सैनिकों को युद्ध के मैदान में देखा जा सकता है. 

हमने वीडियो को AI डिटेक्टर टूल की मदद से टेस्ट भी किया. Hive Moderation टूल ने इस वीडियो के 99 फीसदी AI से बने होने की संभावना बताई.

fact check

यानि साफ है कि ये वीडियो AI से बनाया गया है. हालांकि ये भी सच है कि नौकरी के झांसे में कई भारतीय युवक रूस में फंसे हैं.

 
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(रिपोर्ट: अभिषेक पाठक)
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