eAgenda Aaj Tak Live: पूरी दुनिया इंतजार कर रही है कि कोरोना वायरस से छुटकारा दिलाने वाली वैक्सीन जल्द ही आ जाए. आज तक के ई-एजेंडा कार्यक्रम के 'जान है तो जहान है' सत्र में हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि कोरोना वायरस की वैक्सीन इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में आ सकती है लेकिन तब तक हमें संयम से काम लेना होगा. एक्सपर्ट्स ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में असली परीक्षा लॉकडाउन के बाद ही शुरू होगी.
वैक्सीन आने तक तीन नियमों का करना होगा पालन
'जान है तो जहान है' सत्र में सर गंगाराम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ रोबोटिक सर्जरी के चेयरमैन डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित होनी चाहिए और इससे लोगों में इम्यूनिटी डेवलप होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि किसी भी वैक्सीन का परीक्षण तीन चरणों में किया जाता है. पहले चरण में इसका परीक्षण जानवरों पर किया जाता है, फिर कुछ वॉलंटियर लोगों पर और तीसरे चरण में बड़े पैमाने पर इसका परीक्षण होता है. डॉक्टर अरविंद ने कहा कि कोरोना की फ्रंटलाइन मेडिसिन पर भी पूरे विश्व में ट्रायल हो रहा है लेकिन एकदम से किसी नतीजे पर पहुंचना सही नहीं है. वैक्सीन बनने तक हमें तीन चीजों का सख्ती से पालन करना है- सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड हाइजीन और फेस को कवर करके रखना.
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में बेहतर हो रहे हैं हालात, 3 मई के बाद मिल सकती है राहत
असली परीक्षा लॉकडाउन के बाद होगी शुरू
डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि कोरोना का असली ट्रायल तो लॉकडाउन के बाद शुरू होगा. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी हमें कुछ बातों का ध्यान रखना है. जो लोग घर से काम कर सकते हैं वो घर से करें. जिन्हें बहुत जरूरत हो, वो लोग ही घर से बाहर निकलें. बुजुर्गों का ध्यान रखें और मास्क लगाएं रखें. डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा कि संयम से काम लेकर ही हम कोरोना को हरा सकते हैं.
इससे पहले मेदांता के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर नरेश त्रेहान ने भी कहा था कि लॉकडाउन की वजह से ही भारत में संक्रमण कम फैला और कोरोना के मामलों में कमी आई. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से हॉट स्पाट जगहों का पता चल गया. उन्होंने सलाह दी कि हॉटस्पॉट वाले इलाकों को अभी ना खोला जाए और कई चरणों में धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाया जाए.