बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर दिलीप कुमार ने बुधवार, 7 जुलाई को दुनिया को अलविदा कह दिया. वह 98 साल के थे और लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. मोहम्मद युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार के जाने के बाद बॉलीवुड के एक युग का अंत हो गया है. उनके जैसा एक्टर इतिहास में ना कभी था और ना होगा. फिल्म इंडस्ट्री के सितारे और दिलीप साहब के फैंस उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहे है. ऐसे में दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर के बाहर भी नमाज अदा की गई.
पुश्तैनी घर पर पढ़ी गई नमाज
दिलीप कुमार का पुश्तैनी घर पाकिस्तान के पेशावर में हैं. 11 दिसंबर 1922 में इस ही घर में दिलीप कुमार का जन्म हुआ था और उनका बचपन बीता. पेशावर में उनके फैंस और रिश्तेदारों ने दिलीप साहब के लिए गायबाना नमाज-ए-जनाजा (अंतिम संस्कार में होनी वाली नमाज) पढ़ी. साथ ही मोमबत्तियां जलाकर उन्हें विदाई दी. इसके अलावा फैंस ने एक फतेह (प्रार्थना) के साथ दिलीप साहब के जीवन को सेलिब्रेट भी किया. देखें इसकी तस्वीरें और वीडियो:
Actor Dilip Kumar’s (Yousaf Khan) funeral in absentia offered at his birthplace in Muhalla Khudadad, Qissa Khwani, #Peshawar. Prayers held for him at various points in the city. pic.twitter.com/EDnHCu3jcd
— Iftikhar Firdous (@IftikharFirdous) July 7, 2021
Funeral prayers in absentia offered outside ancestral house of #DilipKumar in #Peshawar. pic.twitter.com/UUqTNaXhFW
— Shiraz Hassan (@ShirazHassan) July 7, 2021
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जताया शोक
भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी दिलीप कुमार के निधन पर दुख जताया था. इमरान ने ट्वीट कर लिखा, 'दिलीप कुमार के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. मैं उनकी दरियादिली को नहीं भूल सकता. वह मेरी पीढ़ी के सबसे महान और बहुमुखी एक्टर थे.
Apart from this, for my generation Dilip Kumar was the greatest and most versatile actor.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 7, 2021
पाकिस्तान की सरकार ने दिया था सम्मान
बता दें कि 1998 में पाकिस्तान की सरकार ने दिलीप कुमार को निशान-ए-इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित किया था. यह पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. इसके अलावा पाकिस्तान में दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया गया है. इस घर में सरकार म्यूजियम के रूप में तब्दील कर रही है.