2009 में आर. बाल्की की फिल्म 'पा' ने भारतीय सिनेमा में एक खास इतिहास रच दिया था. इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन- दोनों को नेशनल अवॉर्ड मिला. अमिताभ को लीड रोल में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला, जबकि अभिषेक को फिल्म के प्रोड्यूसर के तौर पर बेस्ट फीचर फिल्म (हिंदी) का नेशनल अवॉर्ड मिला.
भावनात्मक पहलू के अलावा, पा एक ऐसी फिल्म भी बनी जिसे सटीक प्लानिंग और समझदारी भरे बिजनेस फैसलों की मिसाल माना जाता है. पा में अहम किरदार निभाने के साथ-साथ अभिषेक बच्चन ने इस फिल्म को कम बजट में प्रोड्यूस करने की जिम्मेदारी भी उठाई. एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पिता से इस बारे में कितनी ईमानदारी से बात की थी.
पिता को किया कास्ट, नहीं दी फीस
अभिषेक ने कहा- मैंने ये फिल्म एक प्रोड्यूसर के तौर पर 17 करोड़ रुपये में बनाई. मैं फिल्म के हीरो अमिताभ बच्चन के पास गया, जो मेरे पिता भी हैं, और उनसे कहा- मैं ये फिल्म बनाना चाहता हूं, लेकिन मैं आपको फीस नहीं दे पाऊंगा, क्योंकि फिल्म का बजट 17 करोड़ है. अगर इससे ज्यादा हुआ तो फिल्म काम नहीं करेगी. जो भी मुनाफा होगा, वही मैं आपको दूंगा. और उन्होंने तुरंत हामी भर दी.
ये फैसला सिर्फ पिता-बेटे के भरोसे को ही नहीं दिखाता, बल्कि अभिषेक की उस सोच को भी दर्शाता है, जिसमें उन्होंने तुरंत मुनाफे के बजाय फिल्म की लंबी उम्र और उसकी वैल्यू पर भरोसा किया.
60 करोड़ का ऑफर ठुकराया
फिल्म पूरी होने के बाद अभिषेक के सामने एक बड़ा इम्तिहान आया. एक कॉरपोरेट हाउस ने पा के लिए उन्हें 60 करोड़ रुपये का ऑफर दिया, जो कागजों पर तुरंत 43 करोड़ का मुनाफा दिखा रहा था.
एक पुराने इंटरव्यू में अभिषेक ने कहा था- अगर मैंने किसी फिल्म पर 17 करोड़ खर्च किए हों और मुझे 60 करोड़ का ऑफर मिले, तो बिजनेस के हिसाब से तो मुझे 43 करोड़ का फायदा होता. मुझे वो ऑफर ले लेना चाहिए था. लेकिन उन्होंने फिल्म बेचने से इनकार कर दिया. और समझाया कि- क्योंकि मुझे पता था कि इस फिल्म का मार्केट 17 करोड़ से ज्यादा नहीं है. अगर मैं उस वक्त इसे 60 करोड़ में बेच देता, तो आज लोग कहते कि पा फ्लॉप फिल्म थी. आखिरकार ये फैसला प्रोड्यूसर के हाथ में होता है.
बॉक्स ऑफिस और नेशनल अवॉर्ड्स ने सही साबित किया फैसला
अभिषेक की सोच सही साबित हुई. पा ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 40.84 करोड़ रुपये की कमाई की और वर्ल्डवाइड लगभग 47 करोड़ रुपये जुटाए. कम बजट में बनी इस फिल्म के लिए ये बड़ी सफलता थी. इसके साथ ही फिल्म को क्रिटिक्स की जबरदस्त सराहना और कई नेशनल अवॉर्ड्स भी मिले.