
लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान से पहले जारी एग्जिट पोल के रिजल्ट चर्चा में बने हुए हैं. एग्जिट पोल के नतीजों से पता चला है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के मतदाताओं ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पक्ष में जमकर वोट किया है.
देश में हर तीसरे मतदाता में एक ओबीसी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 56 फीसदी ओबीसी वोटर्स ने एनडीए को वोट दिया था. 2024 के एग्जिट पोल से पता चलता है कि इस बार चुनाव में एनडीए को वोट देने वाले ओबीसी वोटर्स की संख्या बढ़कर 58 फीसदी हुई है.
हालांकि, इंडिया ब्लॉक की पार्टियों को मिलने वाले ओबीसी वोट 11 फीसदी बढ़े हैं. इंडिया ब्लॉक के ओबीसी वोट 19 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी हो गए हैं.
ओबीसी के वर्चस्व वाले राज्यों की राजनीति में से बिहार में एनडीए को यादवों के 10 फीसदी वोट ही मिले हैं जबकि इंडिया ब्लॉक को बिहार में ओबीसी के 24 फीसदी वोट मिले हैं. इंडिया ब्लॉक को कुल मिलाकर 82 फीसदी यादवों के वोट मिले हैं.

महाराष्ट्र में भी एनडीए को मिलने वाले ओबीसी वोट कम हो सकते हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, इस राज्य में एनडीए को मिलने वाले ओबीसी वोट सात फीसदी घटे हैं जबकि इंडिया ब्लॉक को मिलने वाले यादवों के वोट बढ़े हैं. हालांकि, इस गिरावट के बावजूद एनडीए 62 फीसदी ओबीसी वोट बटोरने में कामयाब रही है. लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश में ओबीसी वोटों को लेकर अलग ट्रेंड देखने को मिला. यहां एनडीए को ओबीसी के सात फीसदी वोटों का फायदा होता दिख रहा है जबकि इंडिया ब्लॉक को सात फीसदी ओबीसी वोटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

कर्नाटक में भी ओबीसी वोट शेयर में बदलाव देखने को मिला है. यहां ओबीसी में वोक्कालिगा का वर्चस्व है. एनडीए को वोक्कालिगा के 32 फीसदी वोट मिले हैं जबकि इंडिया ब्लॉक को 31 फीसदी वोटों का नुकसान उठाना पड़ा है. इसी तरह राजस्थान में जाट ओबीसी ने इस बार एनडीए के बजाए इंडिया ब्लॉक पर भरोसा जताया है. एनडीए को यहां 24 फीसदी जाट ओबीसी वोटों का नुकसान हुआ है जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक को इस समुदाय के 22 फीसदी वोट ज्यादा मिल सकते हैं.