छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने सोमवार को आजतक से खास बातचीत की. आजतक ने टीएस सिंह देव से सवाल किया कि राज्य के लिए ऐसे कौन से तीन मुख्य मुद्दे हैं जिन्हें लेकर कांग्रेस लोगों के बीच जाएगी. जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए किया गया काम सबसे पहले है. हमारी सरकार ने धान के भाव, गन्ने के भाव और मक्के के भाव में बढ़ोतरी की और किसानों को इससे काफी फायदा पहुंचा. उन्होंने कहा कि राज्य की 75 फीसदी आबादी गांव में रहती है. इसके अलावा वन क्षेत्र में खेती की जमीन कम है. इसलिए वन क्षेत्र में रहे वाले लोगों पर भी ध्यान दिया गया. जातिगत जनगणना पर टीएस सिंह देव ने कहा कि पीएम मोदी खुद अपनी जाति बताते हैं.
छत्तीसगढ़ द्वारा जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करने के सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़े जारी हैं, लेकिन मैं खुद उसे लेकर संतुष्ट नहीं हूं. सीएम भूपेश बघेल से रिश्तों पर उपमुख्य मंत्री ने कहा कि भाई-भाई, बहन भाई, घर परिवार में भी अनबन होती है. इसलिए सीएम से मेरे रिश्ते सही हैं. मीडिया को ये सब जल्दी दिख जाता है.
उन्होंने कहा कि हम दोनों ने मिलकर काम किया है. सीएम ने खुद मुझे बुलाकर विभाग चुनने की आजादी दी. इसलिए हमारे रिश्ते अच्छे हैं. हमारा लक्ष्य रहता है कि हमें काम करना है. कांग्रेस की सरकार बनने पर सीएम का चेहरा कौन होगा? इस सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये आलाकमान तय करेगा कि आगे मुख्यमंत्री कौन होगा.
उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा ने चेहरा सामने रखा था. हमारा चेहरा नहीं था. इसलिए हमारे लिए चेहरा मायने नहीं रखता. टीएस सिंह देव ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में फर्क होता है. इसलिए दोनों के नतीजों में भी फर्क आएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र के द्वारा चलाई गई योजना में राज्य सरकार का भी योगदान होता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य के लोगों के लिए बहुत काम किया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में जो जिम्मेदारी मिलेगी मैं उसे करूंगा.
बता दें कि छतीसगढ़ में कांग्रेस दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आने का दावा कर रही है. राज्य में दो फेज में वोट डाले जाएंगे. सूबे में 7 और 17 नवंबर को वोटिंग होगी. छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को मतगणना के बाद आएंगे. सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), दोनों ही पार्टियां अगले पांच साल तक सरकार चलाने का जनादेश प्राप्त करने के लिए पहले से ही चुनावी मोड में हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भरोसे की सरकार अभियान चला रही है तो वहीं बीजेपी ने भी परिवर्तन यात्राओं के जरिए माहौल बनाने की कवायद की है.