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ममता को हराने का किया ऐलान, लेकिन नंदीग्राम से ही लड़ेंगे शुभेंदु अधिकारी?

ममता को हराने का किया ऐलान, लेकिन नंदीग्राम से ही लड़ेंगे शुभेंदु अधिकारी?

सवाल है कि ममता के खिलाफ शुभेंदू को उतारना बीजेपी की मजबूरी है. क्या नंदीग्राम की जंग के लिए शुभेंदू इतने जरूरी हैं कि बीजेपी नजरअंदाज नहीं कर सकती? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हम आपको नंदीग्राम के 3 चुनावी नतीजे दिखाते हैं. 2016 के चुनाव में शुभेंदू अधिकारी ने टीएमसी के टिकट पर भारी अंतर से ये सीट जीती थी. शुभेंदू को 60 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर रहे सीपीआई को सिर्फ साढ़े 26 फीसदी वोट मिले. बीजेपी साढ़े पांच फीसदी के करीब रही. 2011 में भी नंदीग्राम सीट टीएमसी ने ही जीती थी लेकिन तब उम्मीदवार मुस्लिम थी. टीएमसी की फिरोजा बीबी को 60 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. 2006 में भी इस सीट पर सीपीआई के मुस्लिम उम्मीदवार इलियास मोहम्मद को जीत मिली. टीएमसी उस चुनाव में 3 फीसदी वोट के अंतर से हार गई. इन नतीजों का ये मतलब निकाला जा सकता है कि नंदीग्राम मुस्लिम वोटरों के दबदबे वाली सीट है और अगर ममता ने यहां से लड़ने का फैसला किया है तो मुस्लिम वोटरों का ध्रुवीकरण होना तय है और उन्हें चुनौती दे सकते हैं तो सिर्फ शुभेंदु अधिकारी. देखें

BJP’s latest heavyweight recruit in West Bengal, Suvendu Adhikari, will contest from the Nandigram assembly seat for the upcoming Bengal election. The decision will pitch Suvendu Adhikari, once a trusted aide of Mamata Banerjee, against the TMC supremo in the high voltage battle for Bengal.

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