नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान नारेबाजी को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने नाराजगी जाहिर की है. ममता के भाषण के दौरान जयश्री राम के नारे लगाए जाने पर टीएमसी की सांसद नुसरत जहां ने कहा कि राम का नाम गले लगाके बोलें, ना कि गला दबाके.
नुसरत जहां ने ट्वीट किया, 'राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके. मैं स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की कड़ी निंदा करती हूं.' नुसरत जहां ने कहा कि यह सरकारी कार्यक्रम था. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ऐसे नेता थे जिन्होंने बंगाल को उत्पीड़न के खिलाफ लड़ना सिखाया था. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान हर भारतीय के मन में रहेगा! देश नायक दिवस पर, बंगाल महान नेताजी को नमन करता है.
राम का नाम गले लगाके बोले ना कि गला दबाके । 🙏
— Nusrat Jahan Ruhi (@nusratchirps) January 23, 2021
I strongly condemn shouting of political and religious slogans at Government Functions to celebrate legacy of Freedom Fighter Netaji Subhash Chandra Bose on his 125th birth anniversary celebrations. #SaveBengalFromBJP #Shame
नारेबाजी पर बिफरीं ममता बनर्जी
असल में, विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी जैसे बोलने के लिए पहुंचीं, नारेबाजी होने लगी. कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जयश्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाने लगे. इससे ममता बनर्जी खफा हो गईं और विरोध में बोलने से इनकार कर दिया.टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी नारेजाबी को गरिमा के खिलाफ बताया.
dignity (noun) The state or quality of being worthy of honour and respect.
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) January 23, 2021
You can’t teach ‘dignity’. Nor can you teach lumpens to be dignified.
Here is a one-min video of what exactly happened today. Including the dignified response by @MamataOfficial pic.twitter.com/aEQ3jF7CYf
ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकारी कार्यक्रम की कोई गरिमा होनी चाहिए. यह सरकारी कार्यक्रम है, यह किसी पार्टी का प्रोग्राम नहीं है, यह ऑल पार्टी और पब्लिक का कार्यक्रम है. मैं तो प्रधानमंत्री जी की आभारी हूं, कल्चरल मिनिस्ट्री की आभारी हूं कि आप लोगों ने कोलकाता में प्रोग्राम बनाया. लेकिन किसी को आमंत्रित करके, किसी को निमंत्रित करके उसका अपमान करना आपको शोभा नहीं देता. मैं इस पर विरोध जताते हुए यहां नहीं बोलूंगी. जय हिंद, जय बांग्ला.' कार्यक्रम में मौजूद लोगों की नारेबाजी से नाराज ममता बनर्जी भाषण देने से इनकार करते हुए सीधे अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गईं.
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बीजेपी ने कहा- महापुरुषों का अपमान
वहीं बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने बोलने से इनकार करके बंगाल के महापुरुषों का अपमान किया है. अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'ममता बनर्जी ने विश्व भारती के शताब्दी समारोह में जाने से इनकार कर रबींद्रनाथ टैगोर की विरासत का अपमान किया. नेताजी की जयंती समारोह के अवसर पर अपना भाषण न देकर उन्होंने ऐसा ही किया है. बंगाल अपने महापुरुषों की इस अवहेलना को बर्दाश्त नहीं करेगा.'