देश के तीन स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में परिवर्तित करने से संबंधित एक बिल लोकसभा में पेश किया गया.
लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने योजना और वास्तुकला विद्यालय विधेयक 2014 पेश किया.
इस बिल के पारित होने पर विशेष तौर पर भोपाल और विजयवाड़ा स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के छात्रों को फायदा होगा जो अपने डिग्री के इंतजार में हैं.
इन दो संस्थानों की स्थापना 2008-09 में की गई थी. अपने ग्रेजुएट्स कैंडिडेट्स को डिग्री प्रदान करने के लिए इन संस्थानों को संसद के कानून के तहत यूजीसी से ‘डीम्ड टू बी’ संस्थान घोषित करना होगा.
दिल्ली स्थित स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की स्थापना 1959 में की गई थी और 1979 में इसे डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान कर दिया गया.
प्रस्तावित विधेयक में आर्किटेक्चर में पढ़ाई और इस क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए योजना एवं आर्किटेक्चर स्कूलों को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने और इन्हें उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा प्रदान करने की बात कही गई है ताकि इन्हें इंचरनेशनल स्टेंडर्ड के अनुरूप बनाया जा सके.
प्रस्तावित बिल में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के लिए एक परिषद स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है जो आईआईटी और एनआईटी की तर्ज पर होगा.
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने 30 अक्तूबर को इस बिल को संसद में पेश करने के लिए मंजूरी प्रदान की थी.