यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में अंक बढ़ाने और फेल को पास करने के नाम पर हो रही साइबर ठगी का मामला सामने आया है. स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को फोन करके अंक बढ़ाने के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं. यूपी बोर्ड के पास ऐसे कॉल्स को लेकर कई शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसको लेकर बोर्ड एक्शन में आ गया है.
यूपी बोर्ड ने किया सचेत
बोर्ड परीक्षा में अंक बढ़ाने के लिए आ रहीं कॉल्स पर यूपी बोर्ड ने नाराजगी जताई है. बोर्ड ने एडवाइजरी जारी कर सभी को सूचित किया है ताकि कोई भी इन ठगों का शिकार ना हो पाए. यूपी बोर्ड ने अपनी वेबसाइट और अभिभावकों को एडवाइजरी जारी कर कहा कि प्रलोभन में ना आएं, इस तरह की फर्जी कॉल्स आने पर संबंधित जिले के डीआईओएस से संपर्क करें. बता दें कि यूपी बोर्ड ने पिछले साल भी कॉल्स करके धन बढ़ाने और पास करने के नाम पर पैसे उगाही करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

कब आएगा 10वीं-12वीं का रिजल्ट?
बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी शेयर की है. अगर आपके पास भी ऐसी कोई संदिग्ध कॉल आए तो उस शख्स के झांसे में ना आएं. हर छात्र और छात्रा के अंक उत्तर पुस्तिका जांच करने वाले शिक्षक द्वारा ही जारी किए जाते हैं. इसके बाद देखरेख में छात्रों का रिजल्ट तैयार किया जाता है. इसमें किसी भी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती है. यूपी बोर्ड अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर परिणाम जारी करता है. अनुमान है कि इस साल की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे अप्रैल की आखिरी तक जारी कर दिए जाएंगे.
इस लिंक से चेक कर सकेंगे अपना परिणाम
रिजल्ट की घोषणा के बाद छात्रों की प्रोविजनल मार्कशीट ऑफिशियल वेबसाइट upmsp.up.nic.in पर जारी कर दी जाएगी. छात्रों को अपने एग्जाम रोल नंबर और रोल कोड की मदद से वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा और अपनी मार्कशीट डाउनलोड करनी होगी. बता दें कि यूपी बोर्ड ने 22 फरवरी से 9 मार्च 2023 तक यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित की थी.
परीक्षा दो शिफ्ट में हुईं थी, पहली शिफ्ट सुबह 8.30 बजे से 11.45 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 5.15 बजे तक. इस साल कुल 29,47,311 छात्र-छात्राओं ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के लिए और 25,77,997 छात्र-छात्राओं ने इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. पंजीकृत छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 55,25,308 थी. वहीं नकल की सख्ती के चलते तीन लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी.