UGC ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए एक करीकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क घोषित किया है. न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत तैयार ये करीकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क छात्रों के लिए एक इनोवेटिव और लचीली उच्च शिक्षा प्रणाली प्रदान करेगा. यूजीसी ने इस पाठ्यक्रम को स्नातक कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट ढांचे के साथ विकसित किया है. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी द्वारा पाठ्यक्रम को अपनाने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है. आइए जानते हैं इसके अंतर्गत कौन से विशेष 10 नये बदलाव नजर आएंगे.
देखें करीकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क से हुए इन बदलावों की लिस्ट
चार साल में होगा ग्रेजुएशन
बता दें कि नए अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम यानी फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP)में किताबी शिक्षा के साथ अनुभव और सीखने पर जोर दिया है. अब लर्निंग इंटर्नशिप को नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में जगह दी गई है. इसके तहत जो छात्र पहले दो सेमेस्टर के बाद बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप करनी होगी.
यूजीसी के अधिकारियों का मानना है कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा. इसका मकसद आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना भी है. पाठ्यक्रम के नए प्राग्रोम का प्रमुख पहलू छात्र को वास्तविक कार्य स्थितियों में शामिल करना है. इससे सभी छात्र अपने या अन्य संस्थान में किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संगठन या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओम के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि से जुड़ेंगे.
गर्मी की अवधि के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार संगठनों, स्थानीय सरकारें, संसद या निर्वाचित प्रतिनिधिम, मीडिया संगठन, कलाकार, शिल्पकार सहित विभिन्न प्रकार के कोर्स से संबंधित संगठन के साथ इंटर्नशिप का मौका दिलाया जाएगा ताकि छात्र अपने कोर्स से संबंधित विषय से व्यवहारिक और सक्रिय रूप से जुड़ सकें.