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2023 से चार साल का होगा ग्रेजुएशन, UGC ने जारी किया करीकुलम, क्या होंगे नये बदलाव-10 प्वाइंट्स में समझ‍ि‍ए

UGC curriculum and credit framework: यूजीसी ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए आज12 दिसंबर को करीकुलम एंड क्रेड‍िट फ्रेमवर्क जारी किया है. नये पाठ्यक्रम में छात्रों को स्थानीय उद्योग के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा जानिए और क्या हुए हैं नये बदलाव.

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

UGC ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए एक करीकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क घोषित किया है. न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत तैयार ये करीकुलम और क्रेडिट  फ्रेमवर्क छात्रों के लिए एक इनोवेट‍िव और लचीली उच्च शिक्षा प्रणाली प्रदान करेगा. यूजीसी ने इस पाठ्यक्रम को स्नातक कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट ढांचे के साथ विकसित किया है. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी द्वारा पाठ्यक्रम को अपनाने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है. आइए जानते हैं इसके अंतर्गत कौन से विशेष 10 नये बदलाव नजर आएंगे. 

देखें करीकुलम और क्रेड‍िट फ्रेमवर्क से हुए इन बदलावों की लिस्ट 

  1. हॉलिस्ट‍िक और मल्टी-डिसिप्ल‍िनरी अंडरग्रेजुएट एजुकेशन पर जोर 
  2. फ्लेक्स‍िबल करीकुलर स्ट्रक्चर, मल्टीपल एंट्री-एग्ज‍िट की अनुमति और री-एंट्री विकल्प मौजूद होगा
  3. 1 वर्ष (2 सेमेस्टर) पूरा करने के बाद यूजी प्रमाणपत्र
  4. 2 साल बाद यूजी डिप्लोमा (4 सेमेस्टर)
  5. 3 साल (6 सेमेस्टर) के बाद स्नातक की डिग्री
  6. 4 साल बाद स्नातक की डिग्री (ऑनर्स)
  7. चौथा वर्ष मुख्य रूप से शोध-आधारित शिक्षा के लिए होगा. 
  8. कम्यूनिटी इंगेजमेंट और सेवाएं, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य-आधारित शिक्षा में क्रेडिट-आधारित पाठ्यक्रमों और परियोजनाओं को शामिल करना. 
  9. छात्रों को स्थानीय उद्योग के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाएगा. 
  10. यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के दौरान 4 क्रेडिट वर्क आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा. 

चार साल में होगा ग्रेजुएशन

बता दें कि नए अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम यानी फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (FYUP)में किताबी शिक्षा के साथ अनुभव और सीखने पर जोर दिया है. अब लर्निंग इंटर्नशिप को नए पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क में जगह दी गई है. इसके तहत जो छात्र पहले दो सेमेस्टर के बाद बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप करनी होगी.

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यूजीसी के अधिकारियों का मानना है कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा. इसका मकसद आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना भी है. पाठ्यक्रम के नए प्राग्रोम का प्रमुख पहलू छात्र को वास्तविक कार्य स्थितियों में शामिल करना है. इससे सभी छात्र अपने या अन्य संस्थान में किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संगठन या प्रयोगशाला में शोधकर्ताओम के साथ प्रशिक्षण, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप आदि से जुड़ेंगे. 

गर्मी की अवधि के दौरान उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा स्थानीय उद्योग, व्यापार संगठनों, स्थानीय सरकारें, संसद या निर्वाचित प्रतिनिधिम, मीडिया संगठन, कलाकार, शिल्पकार सहित विभिन्न प्रकार के कोर्स से संबंधित संगठन के साथ इंटर्नशिप का मौका दिलाया जाएगा ताकि छात्र अपने कोर्स से संबंधित विषय से व्यवहारिक और सक्रिय रूप से जुड़ सकें. 

 

 

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