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नॉर्मलाइजेशन के सपोर्ट में थे खान सर, लाठीचार्ज के बाद क्यों आई आयोग की क्लैरिटी... BPSC सचिव ने सब बताया

सिलेब्रिटी टीचर खान सर और रहमान सर BPSC छात्रों के साथ उनके प्रोटेस्ट में शामिल थे. वह 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे थे. हालांकि, लल्लनटॉप को दिए हुए इंटरव्यू में बीपीएससी सचिव ने खुलासा किया कि खान सर और रहमान सर आयोग के साथ मीटिंग के दौरान नॉर्मलाइजेशन से सहमत थे.

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BPSC Secretary on BPSC 70th Exam No Normalization Protest
BPSC Secretary on BPSC 70th Exam No Normalization Protest

BPSC 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर फैल रही अफवाहों को लेकर आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई प्रक्रिया कभी निर्धारित नहीं की गई थी. सोशल मीडिया पर इस बारे में भ्रम फैलने के बाद आयोग ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बताया गया कि नॉर्मलाइजेशन का कोई प्रस्ताव नहीं था. बीपीएससी के इस क्लैरिफिकेशन से एक दिन पहले ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए. इस अफवाह और देर से दी गई क्लैरिटी पर द लल्लनटॉप ने बीपीएससी के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा से बातचीत की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि नॉर्मलाइजेशन के विरोध में छात्रों के साथ खड़े होने वाले सिलेब्रिटी शिक्षक खान सर खुद नॉर्मलाइजेशन के पक्ष में थे.

पहले से नहीं तय था परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन

सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि इस बार जो वैकेंसी आई थी बीपीएससी 70वीं परीक्षा में उसकी संख्या दो हजार से थोड़ी अधिक थी. संभावना व्यक्त की जा रही थी कि इस बार स्टूडेंट्स काफी ज्यादा हो सकते हैं. ऐसी संभावना थी कि हो सकता है 8 लाख हो जाएं या 10 लाख. इसी के आधार पर चेयरमैन सर ने एक मीटिंग बुलाई थी. नॉर्मलाईजेशन ही कराना है, ऐसा कुछ फिक्स नहीं था. यह सिर्फ एक डिस्कशन का पार्ट था कि यदि संभावना बनती है कि संख्या बहुत अधिक हो जाए तो हो सकता है कि नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता पड़े. इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया था'.

क्यों नहीं लिया गया नॉर्मलाइजेशन का फैसला?

उन्होंने आगे बताया कि 15 नवंबर को कॉल दी गई थी कि इस दिन स्टूडेंट्स से बात की जाएगी और इस मामले पर डिस्कशन किया जाएगा. इसपर सचिव ने कहा, 'जब फॉर्म भरने का समय खत्म हुआ तो देखा गया कि छात्रों की संख्या चार लाख 80 हजार कुछ है. छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी तो आवश्यकता नहीं लगी इसलिए नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं हुआ. इसलिए मीटिंग की जरूरत भी महसूस नहीं हुई. अगर ऐसा करना होता तो हम लोग नोटिस निकाल देते. 

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जब आयोग देख रहा था कि छात्र आंदोलन कर रहे हैं कि उन्होंने कॉल भी दे रखी थी 6 तारीख की. पुलिस और सबको जानकारी थी. छह तारीख की शाम को आयोग ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन मुद्दा नहीं है. अगर एक दिन पहले कर देते तो शायद बच्चों पर लाठीचार्ज ना होता. इस सवाल पर सचिव ने कहा कि एक दैनिक पेपर का कॉल आया था कि सर इस तरह का माहौल है तो मैंने कहा कि नॉर्मलाइजेशन जैसी कोई बात ही नहीं है, ना ही इसको लेकर बीपीएससी ने कोई नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा कि हम स्पष्टीकरण क्या देंगे जब हमने कहा ही नहीं है कि नॉर्मलाइजेशन लागू होगा. कोई भी बात अगर आयोग को कहनी होगी तो वह अपनी वेबसाइट के माध्यम से ही कहेगा. सचिव ने बताया कि नोटिस जारी करने से पहले एक दिन पहले पेपर में आ गया था कि नॉ़र्मलाइजेशन नही है.

लाठी चार्ज जैसी परिस्थिति का आयोग ने कैसे आंकलन किया?

सचिव ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि धरनार्थी आएंगे तो पुलिस प्रशासन को आयोग की तरफ से लिख दिया गया था कि स्थिति का ध्यान रखें. सचिव ने आगे बताया कि छात्रों के डेलिगेशन ने जब आयोग से बातचीत की तो उनका मुद्दा था कि डेट को आगे बढ़ा दिया जाए. कुछ छात्र जो छूट गए हैं फॉर्म भरने से उनको फॉर्म भरने का मौका दिया जाए. इसमें एक चीज क्लियर थी कि नॉर्मलाइजेशन नहीं होना है तो कॉन्फिडेंट रहिए. सचिव ने कहा कि अब एक हफ्ते बाद एग्जाम होना है तो डेट एक्सटेंशन का स्कोप ही नहीं है. सर्वर का भी कोई इश्यू नहीं था क्योंकि आखिरी के दिनों में भी एक लाख से ज्यादा ने फॉर्म भरा था. नोटिस में पहले ही यह लिखा गया था कि अंतिम दिन की प्रतीक्षा मत कीजिए'. 

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खान और रहमान सर को लेकर क्या बोले सचिव?

खान और रहमान सर का आरोप था कि आयोग नॉर्मलाइजेशन लाने के लिए 100 प्रतिशत राजी था. अगर छात्र प्रोटेस्ट नहीं करते तो आयोग नॉर्मलाइजेशन लागू कर देता, एक क्लिप है अगर वह बाहर आ जाए तो सब दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. इसको लेकर सचिव ने बताया कि खान और रहमान सर खुद पहले नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर सहमति बनाए हुए थे. सचिव ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं यह बता दूं कि आयोग मीटिंग का वीडियो रिकॉर्ड क्यों करेगा क्योंकि व्यवस्था भरोसे पर चलती है. हर मीटिंग की वीडियो रिर्कॉडिंग की जाए इसकी जरूरत नहीं पड़ती है'. 

पहले सपोर्ट में थे खान सर 

जिस दिन मीटिंग हुई थी उस दिन कुछ टीचर्स नॉर्मलाइजेशन के सपोर्ट में भी थे और कुछ टीचर विरोध में भी थे. खान सर ने कहा था कि नॉर्मलाइजेशन एक अच्छी प्रक्रिया होनी चाहिए. उस समय तो सर्मथन दिया था बाद में यह जिस तरह से लोगों को समझा रहे हैं कि यह खराब प्रणाली है तो मुझे भी आश्चर्य लग रहा है. चेयरमैन की नॉलेज में हमने पहले की क्लियर कर दिया था कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू नहीं है. ये तो अनावश्यक भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई. इसपर क्या किया जाए इसको लेकर आयोग ही निर्णय लेगा. 

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