धरती पर सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन उनमें से कुछ सांप ही जहरीले होते हैं. इसके बावजूद भी हर साल सांप काटने से लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. ऐसे में सांप के जहर के असर को कम करने के लिए सांप के जहर का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसे Antidote या Antivenom कहते हैं. तो चलिए जानते हैं कैसे सांप के जहर से लोगों को बचाने के लिए सांप के जहर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
सांप के जहर से कैसे बनाई जाती है Antivenom
सांप की विभिन्न प्रजातियों में अलग-अलग प्रकार का जहर पाया जाता है. जो मुख्य रूप से उसके थूक (Saliva)से बना होता है और शिकार को पकड़ने और खुद को बचाने में मददगार होता है. दुनिया में taipan,king cobra का जहर सबसे खतरनाक माना जाता है. जो एक बार में इतनी मात्रा में जहर उगलते हैं कि जिससे कुछ ही सेकंड में इंसान या जानवर की मौत हो सकती है. कोबरा के अंदर जो जहर होता है उसे Neurotoxins कहते हैं. इसका जहर आपके Nervous System को अटैक करेगा. viper snake के जहर को homotoxins कहते हैं. ये आपके haemoglobin को इफेक्ट करता है. सांप के काटने पर जो दवा दी जाती है उसे एंटी वेनम कहते है. ये दवा कई जगहों का मिश्रण होता है, जो कि स्नेक परिजन को बेअसर कर देती है.
जानें कैसे तैयार होता है Antibodies?
National Library of Medicine के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को सांप काटता है, तो उसके खून में जहर फैलने लगता है, इससे उसके जान को खतरा होता है. इस समस्या के समाधान के लिए एंटी वेनम दवाई का प्रयोग किया जाता है, जो सीधे घोड़ों की मदद से तैयार की जाती है. इस प्रोसेस में, पहले घोड़ों को नियंत्रित मात्रा में सांप का जहर इंजेक्ट किया जाता है. घोड़े का Immune system प्राकृतिक रूप से इसके खिलाफ एंटीबॉडी ( Antibodies) बनाता है. घोड़ों को जहर दिए जाने के कुछ दिन बाद वे एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देते हैं.
इसके बाद इन घोड़ों के खून से प्लाज्मा निकाला जाता है, जिसमें एंटीबॉडीज होते हैं. इस प्लाज्मा को कई प्रोसेस के बाद तैयार किया जाता है ताकि इंसानों के इलाज में एंटी वेनम का उपयोग हो सके. आपको बता दें कि घोड़ों का शरीर अन्य जानवरों की तुलना में अधिक प्रतिरोधक क्षमता (Immune) वाला होता है, जिससे वे छोटी मात्रा में जहर झेल सकते हैं और एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकते हैं. यह प्रोसेस वैसे लोगों के लिए वरदान है जो वैसे क्षेत्र में रहते हैं, जहां सांप काटने की घटना आम है. इस प्रोसेस की मदद से साइंस और नेचर की मदद से इंसानों की जान बचाई जा रही है. घोड़ों का इस प्रक्रिया में योगदान वास्तव में सराहनीय और अविश्वसनीय है.
हर साल 5.4 मिलियन लोगों को काटता है सांप
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 5.4 मिलियन लोगों को सांप काटता है, जिससे हर साल लगभग 81,410 से 137,880 लोगों की मौत हो जाती है और हर साल सांप के काटने से लगभग तीन गुना अधिक अंग-भंग और अन्य स्थायी विकलांगता होती हैं. जहरीले सांपों के काटने से पैरालिसिस हो सकता है. जिस वजह से किडनी फेल होना, हैमरेज, टिश्यू डैमेज सहित कई तरह की परेशानियां होती हैं. किसान और बच्चे सांप काटने से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

एंटी वेनम के उत्पादन में चुनौतियां
WHO के अनुसार, एंटी वेनम के निर्माण में एक महत्वपूर्ण चुनौती सही इम्युनो जेन (सांप का जहर) तैयार करना है. वर्तमान में बहुत कम देशों में एंटी वेनम निर्माण के लिए पर्याप्त गुणवत्ता वाले सांप के जहर का उत्पादन करने की क्षमता है, और कई निर्माता सामान्य वाणिज्यिक स्रोतों पर निर्भर हैं. सांपों के काटने की संख्या और प्रकार पर खराब डेटा के कारण जरूरतों का अनुमान लगाने में कठिनाई होती है, और वितरण नीतियों में कमी के कारण निर्माताओं को उत्पादन कम करने या रोकने या एंटी वेनम की कीमतों में वृद्धि करने में मदद मिली है.
कई ट्रॉपिकल और सबट्ऱॉपिकल देशों में सांप कांटना स्वास्थ्य मुद्दा है. इनमें से अधिकांश अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में होते हैं. एशिया में हर साल 20 लाख लोग सांपों के जहर से प्रभावित होते हैं, जबकि अफ्रीका में सालाना अनुमानत 435,000 से 580,000 लोग सांप के काटने के शिकार होते हैं, जिन्हें इलाज की आवश्यकता होती है. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सांप काटने की घटना से सबसे ज्यादा गरीब ग्रामीण समुदायों में महिलाओं, बच्चे और किसान प्रभावित होते हैं. सबसे अधिक बोझ उन देशों में पड़ता है जहां स्वास्थ्य प्रणालियां सबसे कमजोर हैं और चिकित्सा संसाधन खराब हैं.
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