International Day of Sign Languages 2022: 'साइन लैंग्वेज, बधिर लोगों को मिला सबसे अच्छा गॉड गिफ्ट है' ये बात संयुक्त राज्य अमेरिका के बधिरों के राष्ट्रीय संघ के पूर्व अध्यक्ष जॉर्ज विलियम वेदित्ज ने कही थी. हर साल 23 सितंबर को साइन लैंग्वेज को इंटरनेशनल डे के तौर पर मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यह दिन दुनिया भर में सभी बधिर लोगों और बाकी साइन लैंग्वेज इस्तेमाल करने वाले लोगों को भाषाई पहचान और सांस्कृतिक विविधता का समर्थन करने व उनकी रक्षा करने के लिए मनाया जाता है.
क्या है साइन लैंग्वेज?
सांकेतिक भाषा (Sign Languages) अपने शरीर के अंगों के माध्यम से अपनी बात कहने का माध्यम है. मुख्य तौर पर साइन लैंग्वेज में उंगलियों और हाथों का इस्तेमाल किया जाता है. जो लोग सुन नहीं पाते वे इस भाषा के माध्यम से अपनी बात समझाते हैं. यह प्राकृतिक सांकेतिक भाषा की तरह जटिल नहीं है और इसका एक सीमित शब्दकोष है.
दिव्यांग लोगों के अधिकारों (सीआरपीडी) पर कन्वेंशन द्वारा सांकेतिक भाषाओं के उपयोग को मान्यता दी गई है और बढ़ावा दिया गया है. यानी साइन लैंग्वेज बोली जाने वाली भाषा के बराबर है और राज्यों के दलों को सांकेतिक भाषा सीखने की सुविधा प्रदान करने और बधिर समुदाय की भाषाई पहचान को बढ़ावा देने के लिए बाध्य करती है.
इंटनेशनल डे ऑफ साइन लैंग्वेज का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का प्रस्ताव वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ (WFD) की ओर से आया है. इस प्रस्ताव ए/आरईएस/72/161 को 19 दिसंबर, 2017 को सर्वसम्मति से अपनाया गया था, जिसे संयुक्त राष्ट्र में एंटीगुआ और बारबुडा के स्थायी मिशन द्वारा प्रायोजित किया गया था और 97 संयुक्त राष्ट्र सदस्य राज्यों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था. साइनल लैंग्वेज डे पहली बार 2018 में इंटरनेशनल वीक ऑफ द डेफ के रूप में मनाया गया था. इसके बाद 23 सितंबर को इंटरनेशनल डे ऑफ साइनल लैंग्वेज डे के रूप में चुना गया, क्योंकि इसी तारीख को 1951 में WFD की स्थापना हुई थी.
इंटनेशनल डे ऑफ साइन लैंग्वेज थीम
हर साल एक नई थीम या विचार के साथ इंटरनेशनल डे ऑफ साइनल लैंग्वेज डे मनाया जाता है. इस साल भी नई थीम के साथ साइन लैंग्वेज डे सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस साल की थीम है 'सांकेतिक भाषाएं हमें एकजुट करती है.'
सबसे पहले कब इस्तेमाल हुई साइन लैंग्वेज?
पहली बार 16वीं शताब्दी में स्पेनिश व्यक्ति पेड्रो पोंस डी लियोन (Pedro Ponce de Leon) ने बाधित लोगों के लिए औपचारिक तौर पर साइन लैंग्वेज क्रिएट की थी. कहा जाता है कि यह उन्होंने जानबूझकर नहीं किया था, बस हो गया था. जिसे बाद में डेफ लोगों ने इस्तेमाल किया और अपनी बात समझाने में आसानी महसूस करने लंगे.
आसान है साइन लैंग्वेज सीखना
अपनी बात समझाने के लिए साइन लैंग्वेज जितनी मुश्किल दिखती है असल में उतनी मुश्किल नहीं है. शायद दुनिया भर में बहुत से लोग इसका उपयोग करते हैं. अगर आपके पास अच्छा टीचर है और सही तरीके से पढ़ाया जा रहा है तो इसे सीखना काफी आसान है.
आज यह यूके में चौथी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है. यूके में 125,000 से अधिक लोग साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं, और बहुत से लोग जानते हैं कि इसका इस्तेमाल करके कैसे बातचीत करनी है. वास्तव में, इंग्लैंड और वेल्स में रहने वाले 15,000 लोग अपनी मुख्य भाषा के रूप में ब्रिटिश साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि अलग-अलग देशों में अपनी अलग साइन लैंग्वेज है.
कहां से कर सकते हैं साइन लैंग्वेज कोर्स?
रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय
भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (ISLRTC)
भारतीय पुनर्वास परिषद