पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. अरशद के मेडल जीतने के बाद उनके स्ट्रगल की भी काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, अरशद को लेकर कई कहानियां हैं कि उनके पास जेवलिन खरीदने को पैसे नहीं थे, ट्रेनिंग के लिए अच्छी सुविधाएं नहीं थीं और गांव वालों की क्राउड फंडिंग से उन्होंने गेम की प्रेक्टिस की थी. उन्होंने कई मुश्किल आर्थिक परिस्थितियों का सामना करने के बाद ये मुकाम हासिल किया है. सरकार, लोगों की मदद के अलावा उन्हें ओलंपिक संघ की ओर से भी मदद दी जाती है.
दरअसल, अरशद नदीम ओलंपिक सॉलीडेरिटी स्कॉलरशिप होल्डर हैं, जिसके जरिए एथलीट को मदद मिलती है. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये स्कॉलरशिप क्या है और किस तरह से एथलीट को इसमें मदद की जाती है. तो समझते हैं ओलंपिक सॉलीडेरिटी स्कॉलरशिप से जुड़ी हर एक बात...
क्या है ओलंपिक सॉलीडेरिटी स्कॉलरशिप?
ओलंपिक सॉलीडेरिटी स्कॉलरशिप, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की एक स्कीम है, जिसके जरिए उन एथलीट्स की मदद की जाती है, जिन्हें मदद की जरुरत होती है और वो कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से अच्छी ट्रेनिंग हासिल नहीं कर पाते हैं. इसके जरिए अलग-अलग देशों की नेशनल ओलंपिक समितियों के लिए एथलीट डवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किए जाते हैं और उन्हें आर्थिक स्तर से लेकर ट्रेनिंग आदि में मदद की जाती है. इसके साथ ही इस स्कीम में स्पोर्ट्स प्रशासन की ट्रेनिंग, कोचों की ट्रेनिंग आदि भी करवाई जाती है.
इस स्कॉलरशिप का काफी बड़ा बजट है और कुछ ओलंपिक को मिलाकर एक साइकिल तैयार होता है, जिसके लिए बजट दिया जाता है. जैसे अभी जो साइकिल चल रही है, उसमें पेरिस ओलंपिक तक के लिए प्लान तैयार किया गया था. अब इसके बाद से दूसरी साइकिल शुरू होगी और अगले कुछ ओलंपिक (2028 तक) के लिए प्लान तैयार होगा.
कितना है बजट?
अगर इस साइकिल की बात करें तो इस स्कीम में 590 मिलियन डॉलर दिए गए हैं. अब साल 2028 के ओलंपिक साइकिल के लिए प्लान तैयार है, जिसमें 650 मिलियन डॉलर रुपये दिए जाएंगे. इसके जरिए 1560 एथलीट को स्कॉलरशिप दी गई. ये फंड 195 नेशनल समितियों के जरिए एथलीट तक पहुंचा है.
किन चीजों के लिए मिलता है पैसा?
इसमें एथलीट को खेल का सामान खरीदने के लिए फंड दिया जाता है और ट्रेनिंग के लिए पैसे मिलते हैं. इसके अलावा ट्रेवल का पैसा भी एथलीट्स को दिए जाते हैं ताकि वो ओलंपिक में मेडल अपने नाम कर सके. साथ ही एथलीट्स को टेक्निकल कोर्स, करियर ग्रोथ और रिफ्यूजी सपोर्ट के लिए भी फंड दिया जाता है.
बता दें कि पाकिस्तान के अरशद नदीम को भी इस स्कॉलरशिप के जरिए मदद मिलती है और इस फंड से जिन लोगों को मदद मिलती है, उन लोगों ने कई बार मेडल भी जीते हैं. जैसे ही अरशद नदीम को गोल्ड मेडल मिला था, उसके बाद आईओसी मीडिया ने भी जानकारी दी थी और बताया था कि अरशद ने गोल्ड जीता है और उन्हें ओलंपिक सॉलीडेरिटी स्कॉलरशिप के जरिए सपोर्ट मिल रहा था.