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UPSC CSE Main 2022: नहीं टलेगा यूपीएससी मेन्‍स एग्‍जाम, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

UPSC CSE Main 2022 Latest Update: मौजूदा कोरोना हालातों को देखते हुए परीक्षा को स्‍थगित करने की मांग उठ रही थी. इसी याचिका पर आज दिल्‍ली हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. अदालत के निर्णय लिया है कि वह इस मामले में हस्‍तक्षेप नहीं करेगी और जस्टिस कमलेश्‍वर राव ने परीक्षा स्‍थगित करने की याचिका खारिज कर दी.

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UPSC CSE Main 2022:
UPSC CSE Main 2022:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एग्‍जाम 07 जनवरी से शुरू होने वाले हैं
  • लगभग 9 हजार उम्‍मीदवार परीक्षा देंगे

UPSC CSE Main 2022 Latest Update: यूपीएससी सिविल सर्विस भर्ती मेन एग्‍जाम 07 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाना है. मौजूदा कोरोना हालातों को देखते हुए परीक्षा को स्‍थगित करने की मांग उठ रही थी. इसी याचिका पर आज दिल्‍ली हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. अदालत के निर्णय लिया है कि वह इस मामले में हस्‍तक्षेप नहीं करेगी और परीक्षा स्‍थगित करने की याचिका खारिज कर दी.

UPSC के वकील कौशिक ने इस याचिका का विरोध किया है. उन्‍होंने कहा, "डेल्टा लहर के दौरान भी, अदालत ने इस तथ्य पर विचार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया थी कि सार्वजनिक तंत्र को गति में रखा जाना जरूरी है. SC ने इसी तरह की याचिका को पहले भी खारिज किया था. हम 3 साल से महामारी से जूझ रहे हैं. हमें वापिस शेड्यूल में आना होगा. हम पहले से ही खोए हुए समय की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं." 

उन्‍होंने आगे कहा, ''परीक्षा अक्टूबर/नवंबर में होनी थी, हम इसे जनवरी में आयोजित कर रहे हैं. अगर इसमें और देरी होती है तो UPSC संविधान द्वारा सौंपे गए कामों को संभालने में सक्षम नहीं होगा. घर में बैठे लोगों को भी संक्रमण हो रहा है क्‍योंकि यह वायरस बहुत संक्रामक है. ऐसे में परीक्षा स्‍थगित करना सही नहीं होगा."

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बता दें कि प्रीलिम्स में 9 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया जिसमें से अब 9 हजार उम्‍मीदवार 70 परीक्षा केंद्रों पर मेन एग्‍जाम में शामिल होंगे. याचिकाकर्ता की वकील अनुश्री कपाड़िया ने कहा कि यह संभव है कि उम्मीदवार परीक्षा देते समय संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. वे बिना सोशल डिस्टेंसिंग के 30 अन्य लोगों के साथ एक कमरे में 6 घंटे बैठे रहेंगे. 

उन्‍होंने आगे कहा, "UPSC की प्रेस विज्ञप्ति में परीक्षाओं के लिए SIP का उल्लेख नहीं है. यूपीएससी को पता है कि उम्मीदवारों में लक्षण दिखाई दे सकते हैं और उन्होंने ऐसे उम्मीदवारों के लिए दो अतिरिक्त कमरे अलग रखे हैं. यह एकदम गलत है कि एक व्यक्ति की सांस फूलने पर उसे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है लेकिन फिर भी उसे परीक्षा देनी होगी. 

UPSC की ओर से पेश हुए वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच को बताया, "हमें पहले ही देर हो चुकी है. हमने कीमती समय गंवाया है. किसी भी देरी का व्यापक प्रभाव पड़ेगा. कल से परीक्षा शुरू हो रही है जिसके लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है.

याचिका खारिज होने के बाद अब परीक्षा अपने तय शेड्यूल पर ही होगी. उम्‍मीदवार 07 जनवरी से लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे.

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