चमगादड़, सांप या पैंगोलिन (चींटी खाने वाला जीव) न जाने किससे कोरोना वायरस बाहर आया है. पूरी दुनिया के वैज्ञानिक हैरान-परेशान हैं ये पता करने में कोरोना वायरस आखिरकार किस जानवर से निकल कर इंसानों में घुस गया. कोरोना वायरस- कोविड-19 की वजह से 37 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. अब एक नई थ्योरी ये आ रही है कि कोरोना वायरस इतना घातक होने से पहले करीब 10-15 सालों से इंसानों को बीमार कर रहा है. लेकिन अब इतना खतरनाक हो चुका है कि जान लेने लगा है. (फोटोः रॉयटर्स)
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कैलिफोर्निया की स्क्रिप्स यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और तुलेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक थ्योरी दी है कि कोरोना वायरस करीब 10-15 सालों से इंसानों को बीमार कर रहा है. लेकिन इससे किसी की मौत नहीं हुई. (फोटोः रॉयटर्स)
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डेली मेल के अनुसार अब यह वायरस इतना घातक हो गया है कि हजारों लोगों की मौत का कारण बन गया है. इन सभी विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं का दावा है कि कोरोना वायरस का सबसे कॉमन कैरियर चमगादड़ ही है. इसकी वजह से ही यह इंसानों में आया होगा. (फोटोः रॉयटर्स)
Coronavirus may have infected humans for DECADES before mutating into the killer disease that's claimed more than 36,000 lives worldwide https://t.co/ihJEXlY9Xw
इस थ्योरी में यह भी कहा जा रहा है कि पिछले 10 से 15 सालों के दौरान कोरोना वायरस यानी कोविड-19 पैंगोलिन के जरिए भी इंसानों में फैला होगा. लेकिन इसका असर कम था. धीरे-धीरे इसने खुद को म्यूटेट कर अपने चारों तरफ कांटेदार प्रोटीन विकसित कर लिया. (फोटोः रॉयटर्स)
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अब ये कांटेदार प्रोटीन वाला कोरोना वायरस कोविड-19 इंसानों के फेफड़ों में मौजूद कोशिकाओं को खत्म कर रहा है. इससे लोगों की जान जा रही है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के निदेशक डॉ. फ्रांसिस कोलिंस ने कहा है कि इन्होंने आंख खोल देने वाली जानकारी दी है. कोलिंस इन शोधकर्ताओं की टीम में शामिल नहीं हैं. (फोटोः गेटी)
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डॉ. कोलिंस ने कहा कि ये संभव है कि कोरोना वायरस कोविड-19 एक या डेढ़ दशक से इंसानों को बीमार कर रहा हो. लेकिन इसका असर कम रहा है. इस बार इसने खुद को म्यूटेट करके ज्यादा खतरनाक कर लिया है. ताकि इसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा इंसानों की जान जाए. (फोटोः रॉयटर्स)
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इसके पहले भी 2002-2003 में जब सार्स फैला था, तब उसके वायरस के लिए लोमड़ी जैसे दिखने वाले छोटे जीव सिवेट्स को जिम्मेदार ठहराया गया था. उसके बाद हजारों की संख्या में सिवेट्स को मारा गया था. (फोटोः रॉयटर्स)
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इन शोधकर्ताओं का दावा है कि चीन से निकला कोरोना वायरस इंसानों को पिछले 10-15 सालों से बीमार कर रहा होगा. लेकिन असर इतना कमजोर था कि किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. अब जब ये खतरनाक हो गया तब सबको होश आया. (फोटोः रॉयटर्स)
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इन शोधकर्ताओं का रिसर्च पेपर दुनिया की प्रसिद्ध नेचर मैगजीन में प्रकाशित हुआ है. इसमें उनकी ये थ्योरी बताई गई है कि कोविड-19 कोरोना वायरस 10-15 सालों से इतना खतरनाक नहीं था. (फोटोः एपी)
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थ्योरी में यह भी बात कही गई है कि जानवरों से इंसानों में आकर, वापस जानवरों में जाना, फिर वापस इंसानों में वायरस का आना उसे बेहद खतरनाक बनाता चला गया. जिसकी वजह से आज पूरी दुनिया इस वायरस से परेशान है. (फोटोः एपी)