कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए संगीन आरोप पर बाइडन सरकार के रुख पर अमेरिकी रक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने जोरदार हमला बोला है. रुबिन ने कहा कि विदेश मंत्री ब्लिंकन अगर कहते हैं कि अमेरिका हमेशा अंतरराष्ट्रीय उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा रहेगा, तो हम वास्तव में पाखंडी हो रहे हैं. क्योंकि हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह अंतरराष्ट्रीय दमन है ही नहीं.
अमेरिकी रक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो माइकल रुबिन ने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के बारे में बात कर रहे हैं. अमेरिका ने कासिम सुलेमानी और ओसामा बिन लादेन के साथ जो किया. वास्तव में कनाडा के कथित आरोप भी इससे अलग नहीं है."
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है. हालांकि, अमेरिका ने कनाडा के इन आरोपों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है. लेकिन इसे गंभीर बताया है. कनाडा की ओर से भारत पर लगाए गए संगीन आरोप पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा है कि ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं उससे अमेरिका बेहद चिंतित है. भारत इस मामले में कनाडा के साथ मिलकर काम करे.
हरदीप निज्जर सिर्फ प्लंबर नहीं: माइकल रुबिन
जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए संगीन आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए माइकल रुबिन ने कहा, " हमें खुद को मूर्ख नहीं बनाना चाहिए. जिस तरह ओसामा बिन लादेन सिर्फ एक इंजीनियर नहीं था, उसी तरह हरदीप सिंह निज्जर केवल एक प्लंबर नहीं था. उसके हाथ कई लोगों के खून से सने हुए थे. इसके बावजूद विदेश मंत्री ब्लिंकन अगर यह कहते हैं कि अमेरिका हमेशा अंतरराष्ट्रीय उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा रहेगा, तो हम वास्तव में पाखंडी हो रहे हैं. आखिरकार हम क्या कर रहे हैं? हमें समझना होगा कि हम जिस बारे में बात कर रहे हैं वह अंतरराष्ट्रीय दमन नहीं है."
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जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर की हत्या को पश्चिमी मीडिया एक चरमपंथी की हत्या के बजाय एक सिख कार्यकर्ता, स्वतंत्रता प्रचारक आदि के रूप में पेश कर रही है. पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट में निज्जर को लेकर लिखा जा रहा है कि 1990 के दशक में कनाडा आने के बाद निज्जर प्लंबर का काम कर रहा था.
ट्रूडो का बयान भारत से ज्यादा कनाडा के लिए खतरनाक
माइकल रुबिन ने आगे कहा, "ट्रूडो की ओर से संसद में भारत सरकार पर लगाया गया आरोप भारत से ज्यादा कनाडा के लिए खतरनाक है. अगर अमेरिका के लिए कनाडा और भारत में से किसी एक को चुनने की नौबत आती है तो निश्चित रूप से अमेरिका भारत को चुनेगा. क्योंकि, निज्जर एक आतंकवादी था. रणनीतिक दृष्टिकोण से भी अमेरिका के लिए भारत, कनाडा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है."
उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा का भारत के साथ लड़ना एक चींटी का हाथी के साथ लड़ने जैसा है. सच यह है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है.
कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की घटती लोकप्रियता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वो (जस्टिन ट्रूडो) ज्यादा लंबे समय तक के लिए प्रधानमंत्री नहीं बने रहेंगे. उनके जाने के बाद अमेरिका फिर से कनाडा के साथ रिश्ता बना सकता है.
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ट्रूडो ने बड़ी गलती की हैः रुबिन
माइकल रुबिन ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बड़ी गलती की है. उन्होंने जिस तरह से और जो आरोप लगाए हैं वह खुद उसका समर्थन नहीं कर सकते हैं. उनकी ओर से भारत सरकार पर लगाए आरोपों का समर्थन करने के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है. कुछ तो बात है! उन्हें यह बताने की जरूरत है कि उनकी सरकार एक आतंकवादी को क्यों पनाह दे रही थी? "
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