हाल ही में नियुक्त किए गए भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर कहा है कि दोनों देश अनिवार्य सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी माने जाने वाले गार्सेटी ने कहा कि दोनों ने पहले कभी बड़े पैमाने पर इतने करीब होकर काम नहीं किया.
गार्सेटी ने यह टिप्पणी कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्षों रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज की तरफ से आयोजित यूएस-इंडिया समिट में प्रमुख भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए की.
उन्होंने कहा, 'दुनिया में कुछ ही ऐसे रिश्ते ऐसे हैं जो अमेरिका और भारत के लिए इतना अधिक महत्वपूर्ण हैं. दुनिया में हमारा रिश्ता दोनों देशों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है, भारत और अमेरिका अपरिहार्य भागीदार हैं.'
गार्सेटी ने आगे कहा कि अमेरिका और भारत दोनों अग्रणी लोकतंत्र हैं. ये देश नवाचार और प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता के साथ दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि विभिन्न मुद्दों पर साथ काम करके दोनों देश 21वीं सदी को आकार दे सकते हैं.
राजदूत ने कहा, 'हम अपने बेहतरीन लोगों की भावना से जुड़े और सशक्त हैं. भारत में अमेरिकी मिशन में मेरे समर्पित सहयोगियों के साथ काम करने हुए हम इस G-20 के साल में और उसके बाद भी 21वीं सदी को मिलकर आकार देंगे.'
जुलाई 2021 से ही लंबित थी गार्सेटी की नियुक्ति
जो बाइडेन प्रशासन ने जुलाई 2021 में ही गार्सेटी को राजदूत पद के लिए नामांकित किया था लेकिन उनकी नियुक्ति अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष लंबित थी.
गार्सेटी पर आरोप था कि मेयर रहते हुए उन्होंने अपने नजदीकी सहयोगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की अनदेखी की. गार्सेटी ने हालांकि, अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया था. मार्च में अमेरिकी सीनेट ने उनकी नियुक्ति को आखिरकार मंजूरी दे दी.
भारत में जनवरी 2021 से ही अमेरिकी राजदूत का पद खाली था. भारत-अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार था जब भारत में अमेरिकी राजदूत का पद इतने अधिक समय तक खाली पड़ा रहा. पिछले अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार के जाने के बाद अपना पद छोड़ दिया था.
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