अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी में भुखमरी को लेकर इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दावे को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया. नेतन्याहू ने हाल ही में दावा किया था कि गाजा में कोई भुखमरी नहीं है, जिसे ट्रंप ने झूठा और अस्वीकार्य बताया है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि गाजा में जो हालात हैं, वो दिखते हैं. बच्चों की हालत देखी है आपने? वहां सचमुच भुखमरी है. आप इसे झूठा साबित नहीं कर सकते. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका गाजा में खाद्य सहायता भेजेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि मानवीय सहायता वितरण में कोई रुकावट न आए.
उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत खाद्य सामग्री है, हम उसे वहां भेजेंगे. हमें वहां की बाधाएं हटानी होंगी, चाहे वो हमास ने लगाई हों या किसी और ने... वो लाइनें हटानी होंगी. वहां खाने का भंडारण तो है, लेकिन लोग चीख रहे हैं क्योंकि उन्हें वह खाना नहीं मिल रहा.
ट्रंप की ये टिप्पणी नेतन्याहू के रविवार के बयान के ठीक विपरीत है, जिसमें इज़रायली प्रधानमंत्री ने यरूशलम में एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि गाजा में कोई भुखमरी नहीं है, हमारा युद्ध लक्ष्य बंधकों की रिहाई और हमास की सैन्य व प्रशासनिक क्षमताओं का पूर्ण विनाश है.
क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
हालांकि अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स और जमीनी सच्चाई नेतन्याहू के दावों से अलग तस्वीर पेश कर रही हैं. अल जज़ीरा ने गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि पिछले 24 घंटों में भूख और कुपोषण से कम से कम 14 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं. अक्टूबर 2023 में इज़रायली सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से अब तक 147 लोग भुखमरी से मारे जा चुके हैं, जिनमें 88 बच्चे शामिल हैं.
इज़रायल ने लगाए कड़े प्रतिबंध
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर मौतें हालिया हफ्तों में हुई हैं, क्योंकि गाजा में मानवीय राहत सामग्री की आपूर्ति पर इज़रायल ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. मार्च में इज़रायल ने गाजा पर पूर्ण नाकाबंदी लागू की थी, जिसे मई में थोड़ी राहत दी गई, लेकिन उसके बाद भी बेहद सीमित सहायता ही प्रवेश कर पाई.
इजरायल-हमास की जंग में किसे कितना नुकसान?
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर एक बड़े हमले के बाद दोनों के बीच सैन्य संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें 1,139 इज़रायली नागरिक मारे गए थे और 200 से अधिक को बंधक बना लिया गया था. उसके बाद से अब तक की लड़ाई में लगभग 60,000 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की है.
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