ट्रंप की 'PR समिट' में शहबाज शरीफ बने 'चापलूसी के चैंपियन', भारत की तारीफ सुनते ही उड़ी चेहरे की हवाईयां

अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में राष्ट्रपति ट्रंप को तीन तरह के नेता अच्छे लगते हैं. पहले वो जो उनके सामने झुककर रहते हैं और उनकी जी-हुजूरी करते हैं. दूसरे वो जो उन्हें महंगे-महंगे गिफ्ट्स देते हैं और उनका आदर सत्कार करते हैं और तीसरे वो जो उनके परिवार को बिजनेस देते हैं.

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शहबाज ने ट्रंप को एक बार फिर से नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया. (Photo: AP) शहबाज ने ट्रंप को एक बार फिर से नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट किया. (Photo: AP)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:24 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयोजित गाजा शांति समझौते पर केंद्रित 'पीस समिट' गाजा की शांति से अधिक, स्वयं ट्रंप के 'पीआर समिट' (PR Summit) में सिमटकर रह गया. यह अंतर्राष्ट्रीय मंच दुनियाभर के नेताओं के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़ने का ज़रिया बन गया, और इस 'चापलूसी प्रतियोगिता' के चैंपियन बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ.

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने ट्रंप को न सिर्फ शांति का प्रतीक, शांतिदूत और दूरदर्शी नेता बताया, बल्कि यह भी ऐलान किया कि वह उन्हें फिर से शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करेंगे.

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शहबाज़ शरीफ की इस जी-हुजूरी ने कूटनीति के संतुलन को खो दिया. उनकी अत्यधिक प्रशंसा को सुनकर मंच पर मौजूद कई लोगों प्रतिक्रिया भी देखने लायक थी, मानो उन्हें यकीन न हो रहा हो कि कोई इतनी चापलूसी कैसे कर सकता है. इटली की प्रधानमंत्री Giorgia Meloni की प्रतिक्रिया कुछ ऐसी थी कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि कोई राष्ट्रपति ट्रम्प की इतनी भी चापलूसी कर सकता है.

पाकिस्तान में विरोध, PM का समर्थन

दिलचस्प बात यह है कि जब शहबाज़ शरीफ मंच से ट्रंप के गाजा पीस प्लान की प्रशंसा कर रहे थे, ठीक उसी समय पाकिस्तान के लाहौर और मुरीदके में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ता इसी पीस प्लान के विरोध में हिंसा कर रहे थे और इसे फिलिस्तीनी मुसलमानों की आज़ादी छीनने की योजना बता रहे थे. पाकिस्तान में इस विरोध प्रदर्शन में 500 लोगों के मारे जाने की खबरें भी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री शरीफ ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसकी अनदेखी की.

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ट्रंप की कूटनीति का अनोखा अंदाज़

ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान मंच पर मौजूद सभी नेताओं में से सिर्फ शहबाज़ शरीफ को अपनी तारीफ करने का मौका दिया. हालांकि, शहबाज़ शरीफ की तमाम चापलूसी के बावजूद, ट्रंप ने मंच से भारत की तारीफ करते हुए उसे महान देश बताया और प्रधानमंत्री मोदी को अपना सबसे अच्छा दोस्त कहा. जब ट्रंप ने शहबाज़ शरीफ से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के अच्छे होने के बारे में पूछा, तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री असहज हो गए.

हॉट माइक ने खोला 'डील' का राज

HOT MIC में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति Prabowo Subianto राष्ट्रपति ट्रंप से ये पूछ रहे हैं कि वो उनके बेटे Eric से कब मिलेंगे. ट्रंप ये कह रहे हैं कि वो बहुत जल्द उनसे बात करने वाले हैं. और पता है ये बात क्यों होने वाली है. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप की कंपनी को इंडोनेशिया में एक बड़ा टूरिज्म कॉम्प्लेक्स बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है. यह घटना दर्शाती है कि ट्रंप की कूटनीतिक डीलिंग अक्सर व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों के इर्द-गिर्द घूमती है.

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वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को मंच पर बुलाए बिना उनका नाम लिए जाने पर ब्रिटिश मीडिया में उनके अपमान की खबरें आ रही हैं. फजीहत का कारण ये है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जब मंच पर प्रधानमंत्री स्टार्मर का नाम लिया तो उन्हें लगा कि उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाएगा लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने उनका नाम लेकर भी उन्हें आगे नहीं बुलाया. और अब ब्रिटेन में बहुत सारे लोग ये भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री स्टार्मर का अपमान हुआ है.

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