चीन के शिंजियांग में बन रहा है दूसरा मिसाइल ठिकाना, सैटेलाइट इमेज में खुलासा

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन दो नयी फील्ड से चीन को 230 नए साइलो और मिल जाएंगे. माना जा रहा है कि यह मिसाइल निर्माण रूस, अमेरिका और भारत को टक्‍कर देने के लिए किया जा रहा है. साइलो एक तरह से स्टोरेज कंटेनर है, जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें रखी जाती हैं.

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चीन ने दूसरे मिसाइल साइलो के लिए खुदाई शुरू की चीन ने दूसरे मिसाइल साइलो के लिए खुदाई शुरू की

नेहा चंद्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 12:17 AM IST
  • चीन ने दूसरे मिसाइल साइलो के लिए खुदाई शुरू
  • चीन में 110 न्यूक्लियर मिसाइल साइलो का हो रहा निर्माण
  • इन दो नयी फील्ड से चीन को मिलेंगे 230 नए साइलो

एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन शिंजियांग प्रांत के हामी शहर में दूसरा मिसाइल ठिकाना बना रहा है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्‍ट ने ताजा तस्‍वीरों के आधार पर बताया कि चीन ने दूसरे मिसाइल साइलो (Silo) के लिए खुदाई शुरू कर दी है. हालांकि इस साइट पर हाल ही में काम शुरू हुआ है. सैटैलाइट इमेज में मिली जानकारी के मुताबिक चीन में 110 न्यूक्लियर मिसाइल साइलो के लिए एक नए क्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है. इसका खुलासा न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये किया है. ये जगह राजधानी बीजिंग से करीब 2 हजार किलोमीटर दूर है. 

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एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन दो नयी फील्ड से चीन को 230 नए साइलो और मिल जाएंगे. माना जा रहा है कि यह मिसाइल निर्माण रूस, अमेरिका और भारत को टक्‍कर देने के लिए किया जा रहा है. साइलो एक तरह से स्टोरेज कंटेनर है, जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें रखी जाती हैं. इससे पहले चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर युमेन के पास रेगिस्तान में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए 100 नए साइलो का निर्माण करने का खुलासा हुआ था. 

तस्वीरों से हुआ खुलासा

प्लैनेट लैब्स के सह-संस्थापक और सीईओ विल मार्शल ने अपने ट्वीट में दो तस्वीरें दिखाई हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर मिसाइलों के साइलो दिख रहे हैं. विल मार्शल ने लिखा है कि चीन रेगिस्तान में 100 से ज्यादा परमाणु मिसाइल साइलो बना रहा है. पिछले साल उसने 100 से ज्यादा उइगर डिटेंशन कैंप बनाए थे, अब ये काम कर रहा है. विल कहते हैं सैटेलाइट तस्वीरों को देखकर लगता है कि इनका निर्माण बहुत ज्यादा तेजी से किया जा रहा है.

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रिपोर्ट में कहा गया है, "साइलो स्पष्ट रूप से खोजे जाने के लिए बनाए जा रहे हैं." ये साइलो फील्ड शिनजियांग प्रांत के पूर्वी क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं, जिन पर कंस्ट्रक्शन मार्च में शुरू हुआ था. साइलो फील्ड पर मैट कॉर्डा और हैंस एम क्रिस्टेनसन ने कहा, "युमेन और हामी में साइलो कंस्ट्रक्शन चीन की न्यूक्लियर ताकत का अब तक का सबसे अहम विस्तार है."

यह इलाका जनवरी 2021 में इतना ज्यादा विकसित नहीं हुआ था. लेकिन जून आते-आते यहां पर सैकड़ों साइलो बने हुए दिख रहे हैं. पहले यहां पर सिर्फ रेगिस्तान हुआ करता था. अभी परमाणु मिसाइलों का घर बन रहा है. चीन परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा ताकतवर देश हैं. उसके पास 250 से 350 परमाणु हथियार हैं. जबकि, अमेरिका के पास 5800 परमाणु हथियार हैं, जिनमें से 1373 हमेशा मिसाइलों, बमवर्षकों और पनडुब्बियों में तैनात रहते हैं.

सवाल उठता है कि क्या चीन के ये नए साइलो फील्ड, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सत्ता में नई स्ट्रैटेजी की ओर इशारा कर रहे हैं. साइलो फील्ड बनाने को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है, "सबसे आसान बात ये है कि चीन अब खुद को एक आर्थिक, तकनीकी और सैन्य महाशक्ति के रूप में देखता है और उस स्थिति से मेल खाने के लिए एक आर्सनल (हथियारों का जखीरा) चाहता है."

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नई रिपोर्ट से लगता है कि चीन के परमाणु हथियारों का जखीरा पहले के अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ेगा. चीन का इस तरह हथियार इकट्ठा करना चिंताजनक है और इससे चीन के इरादों पर भी शक पैदा होता है.

क्या है साइलो?

साइलो (Silo) एक लंबा, गहरा और सिलेंडर जैसा गड्ढा होता है, जिसके अंदर अंतरमहाद्वीपीय परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों को रखा जाता है. जरूरत पड़ने पर इस साइलो का ढक्कन खोलकर, यहीं से मिसाइल को लॉन्च कर दिया जाता है. चीन के परमाणु हथियार कार्यक्रम में यह सबसे बड़ा ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है.

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