'अगर मलेशिया साथ दे तो...', IMF के हंटर से बचने के लिए भीख मांग रहे शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार मलेशिया के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के उद्यमी मिलकर संयुक्त निवेश करें, तो पाकिस्तान अगले दो साल में IMF को हमेशा के लिए 'अलविदा' कह सकेगा.

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शहबाज ने कहा कि मौजूदा IMF कार्यक्रम फिलहाल जरूरी है लेकिन देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना है. (File Photo: Reuters) शहबाज ने कहा कि मौजूदा IMF कार्यक्रम फिलहाल जरूरी है लेकिन देश का लक्ष्य आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना है. (File Photo: Reuters)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:40 PM IST

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पर निर्भरता खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए मलेशिया के साथ आर्थिक सहयोग को और गहरा बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मलेशिया की पार्टनरशिप से आईएमएफ को हमेशा के लिए 'अलविदा' कहने की तैयारी में है.

मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान का मौजूदा IMF कार्यक्रम अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए जरूरी है, लेकिन देश का अंतिम लक्ष्य बाहरी वित्तीय निर्भरता से मुक्त होना है.

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'अगर मलेशिया साथ दे तो...'

शहबाज ने कहा, 'हमारा एक IMF कार्यक्रम चल रहा है, जो हमारी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए बेहद अहम है. लेकिन यह कार्यक्रम अगले दो वर्षों में समाप्त हो जाएगा. अगर मलेशिया और पाकिस्तान के उद्यमी ईमानदारी से मिलकर दोनों देशों में संयुक्त निवेश (Joint Ventures) करने का संकल्प लें, तो मुझे पूरा यकीन है कि हम IMF को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं.'

मई में मिला था 1 अरब डॉलर का नया कर्ज

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच कारोबारी सहयोग को मजबूत करना पाकिस्तान की दीर्घकालिक आर्थिक आत्मनिर्भरता की कुंजी है. बता दें कि मई में आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया था, जिसका भारत ने विरोध किया था. पाक को यह कर्ज सितंबर 2024 में अप्रूव विस्‍तारित फंड सुविधा (EFF) के तहत मिला जिसकी कुल कीमत 7 अरब डॉलर है. पाकिस्तान को अब तक 2.1 अरब डॉलर मिल चुके हैं.

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