पूर्व PAK पीएम इमरान खान पर हुए हमले के मामले में पाकिस्तान के अंदर सियासी लड़ाई थमती नजर नहीं आ रही है. पहले जहां इमरान ने हमले के लिए पीएम शहबाज शरीफ सहित 3 लोगों को जिम्मेदार ठहराया था तो वहीं अब शहबाज ने पूरे केस की न्यायिक जांच कराने की सिफारिश कर डाली है.
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल को एक चिट्ठी लिखी है. अपने पत्र में शरीफ ने एक तरफ जहां हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों पर एक के बाद एक 5 सवाल दागे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इसकी न्यायिक जांच कराने की हिमायत भी की है.
चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में शहबाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान पर हुए हमले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सभी मौजूदा जज शामिल हों.
पत्र लिखकर उठाए ये 5 सवाल
शहबाज शरीफ ने अपने पत्र में चीफ जस्टिस से हमले और हमले के बाद हुए 5 घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है.
1. इमरान खान के काफिले को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी किस जांच एजेंसी पर थी? क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल और दूसरी मानक संचालन प्रक्रियाएं लागू थीं और क्या इन प्रोटोकॉल का पालन किया गया?
2. जांच के लिए बनाया जाने वाला न्यायिक आयोग घटना के बाद की गई जांच, सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया के बारे में पूछताछ करे. शरीफ ने घटना के पीछे की खामियों और उसके जिम्मेदारों से कड़ी पूछताछ करने की भी सलाह दी.
3. पत्र में शरीफ ने पूछा है कि क्या फायरिंग इमरान खान की हत्या के लिए रची गई थी या ये एक आपराधिक साजिश थी. इसके अलावा इसकी जांच भी होनी चाहिए कि शूटर अकेला था या अगर ऐसा नहीं था तो उसके दूसरे साथियों की तलाश होनी चाहिए.
4. शहबाज शरीफ ने पत्र में FIR में देरी करने पर भी सवाल उठाए हैं. इसमें कहा गया है कि पीटीआई समर्थित पंजाब सरकार के तहत काम करने वाली जांच एजेंसियां और उसके अधिकारी इमरान खान के कंटेनर को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रहे.
5. PAK प्रधान मंत्री ने लिखा है कि फोरेंसिक विश्लेषण के लिए अधिकारियों को खान की मेडिकल रिपोर्ट अभी नहीं मिली है. घटना के बाद जांच प्रक्रिया में पंजाब सरकार की लापरवाही के कारण सबूतों से छेड़छाड़ होने की संभावना है.
इस्तीफों की मांग पर अड़े इमरान
पीएम शहबाज शरीफ की चिट्ठी के बाद भी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आयोग के गठन और आगामी जांच में कितना समय लगेगा. हालांकि, इमरान खान ने पहले ही इस तरह के एक आयोग के गठन के ऐलान का शर्त के साथ स्वागत करते हुए कहा है कि उन्होंने जिन तीन लोगों पर हमले का आरोप लगाया है, जब तक वह अपना पद नहीं छोड़ते, तब तक कोई स्वतंत्र जांच संभव नहीं है.
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