पाकिस्तान की इस्लामिक राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक ने देश के मौजूदा और पूर्व शासकों पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक बताया और कहा कि तीनों ने मिलकर कश्मीर को बेच दिया.
जेआई प्रमुख ने रविवार को अल्लामा इकबाल टाउन में मुद्रास्फीति पर बुलाए गए एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के पायलट अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान की तरफ से छोड़े जाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 'कायर' शासक (इमरान खान) ने उसे भारत को वापस लौटा दिया.
सिराजुल हक ने कहा कि शहबाज शरीफ, इमरान खान और आसिफ अली जरदारी की तिकड़ी अमेरिका की तरफ से हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक है.
उन्होंने कहा, 'हिरोशिमा के विनाश के बाद जापान एक आर्थिक महाशक्ति बन गया, लेकिन शहबाज, जरदारी और इमरान की ये तिकड़ी- परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक है. इस तिकड़ी ने सरकारी खजाना, घर, कोर्ट, अर्थव्यवस्था, उद्योग, नैतिकता और शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया. इन लोगों ने देश की विचारधारा को धोखा दिया और कश्मीर को एक साथ मिलकर बेच दिया.'
उन्होंने कहा कि जरदारी, शहबाज और इमरान बार-बार अमेरिका गए जहां उनकी मुलाकात जो बाइडेन (अमेरिका के राष्ट्रपति) और डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति) से हुई, लेकिन उन्होंने डॉक्टर आफिया सिद्दीकी के प्रत्यर्पण को लेकर एक बार भी उनसे बात नहीं की.
पाकिस्तानी नेता ने कहा, 'अगर डॉक्टर आफिया पर अत्याचार के लिए बुश, ओबामा और क्लिंटन जिम्मेदार हैं, तो आफिया के पक्ष में एक भी शब्द न कहने के लिए ये तिकड़ी भी जिम्मेदार है.'
आपको बता दें कि आफिया सिद्दीकी पाकिस्तान की न्यूरो वैज्ञानिक हैं जिनका कनेक्शन आतंकी संगठन अलकायदा से जोड़ा गया था. साल 2010 में उन्हें अमेरिका में 86 साल की सजा हुई थी और फिलहाल वो टेक्सास के फोर्ट वर्थ जेल में हैं.
सम्मेलन के दौरान बोलते हुए सिराज ने कहा कि इन्हीं तीनों देशद्रोहियों ने रामजी यूसुफ (1993 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले का मुख्य दोषी) को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया जबकि अभिनंदन को भारत को सौंप दिया.
उन्होंने इमरान खान पर अमेरिका से माफी मांगने का आरोप लगाया. सिराज ने कहा कि इमरान खान ने अमेरिका के खिलाफ बयान दिया और फिर अपने सहयोगी फवाद चौधरी को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास भेजा और माफी मांग ली.
उन्होंने पाकिस्तान के सेनाध्यक्षों पर भी निशाना साधा और कहा, 'वो जनरल भी अल्लाह को जवाब देंगे जिन्होंने देश की बागडोर एक जानवर को दी और खुद एनाकोंडा बनकर देश को निचोड़ा.'
जमात-ए-इस्लामी प्रमुख ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वो ब्याज व्यवस्था को खत्म कर देंगे और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से उधार लेने की भी कोई जरूरत नहीं होगी.
अंत में उन्होंने कहा, 'अगर जमात-ए-इस्लामी को मौका मिला, तो हम भ्रष्ट शासकों को अदियाला और कोट लखपत की जेलों में डाल देंगे. हम सत्ता में आने के बाद युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और वृद्धावस्था भत्ता देंगे.'
aajtak.in